मैसूर। कोरोना के नए स्ट्रेन का खौफ साफ तौर पर दिखने लगा है। कर्नाटक सरकार ने सभी सामाजिक, सांस्कृतिक समारोहों के साथ कांफ्रेंस, सेमिनार और एकेडमिक इवेंट्स पर अगले दो माह के लिए रोक लगा दी है। मैसूर, धारवाड़ और बेंगलुरु कोरोना के मामले सामने आने के बाद नई गाइडलाइन जारी की गई हैं। बसवराज बोम्मई की सरकार ओमीक्रॉन के कहर को देखते हुए सभी जरूरी कदम उठा रही है, जिससे संक्रमण न फैले।
‘ओमीक्रोन’ के बड़े पैमाने पर फैलने की आशंका के बीच कर्नाटक में दक्षिण अफ्रीका के दो नागरिक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। दो विदेशियों में कोरोना के लक्षण मिलने से मचे हड़कंप के बीच महाराष्ट्र, केरल से आने वालों पर भी त्ज्-च्ब्त् की पाबंदी बसवराज बोम्मई की सरकार ने लगा दी है। दूसरी लहर के दौरान ये दोनों सूबे सबसे ज्यादा बदनाम रहे थे। इन दोनों सूबों को लेकर बाकी के राज्य सतर्कता बरत रहे हैं।
देश में अभी तक इस महामारी से 4,68,554 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र में 1,40,908, केरल में 39,679, कर्नाटक में 38,196, तमिलनाडु में 36,454, दिल्ली में 25,096, उत्तर प्रदेश में 22,910 और पश्चिम बंगाल में 19,450 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, कर्नाटक में मौतों का आंकड़ा अन्य सूबों की अपेक्षा उतना नहीं है लेकिन बीते समय में तीन जिलों में जिस तरह से केस सामने आए हैं, उससे सरकार की चिंता बढ़ी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महामारी से 621 और मरीजों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,68,554 हो गई है। कोरोना वायरस संक्रमण के रोज आने वाले मामले लगातार 51 दिनों से 20,000 से कम और लगातार 154वें दिन 50,000 से कम है। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 8,774 नए मामले आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,45,72,523 हो गई, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,05,691 रह गई जो 543 दिन में सबसे कम है।
आंकड़ों के मुताबिक, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,05,691 रह गई है। यह संक्रमण के कुल मामलों का 0.31 प्रतिशत है। यह मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 98.34 प्रतिशत है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,328 मामलों की गिरावट आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं।