यूपी सरकार ने 24 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है। इस दौरान वही पाबंदियां लागू रहेंगी जो पहले होती थीं। दस प्वाइंट में जानिए क्या रहेगा खुला और क्या बंद….
लॉकडाउन 24 मई सोमवार सुबह तक के लिए बढ़ाया गया
इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाएं जैसे मेडिकल, किराना आदि छोड़कर सभी दुकानें व सेवाएं स्थगित रहेंगी।
पहली बार मास्क न लगाने पर एक हजार रुपये जुर्माना और दूसरी बार भी यही गलती की तो 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।
आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को जारी किए जाएंगे पास।
मॉल, जिम, स्पा और ऑडिटोरियम रहेंगे बंद। रेस्त्रां खुले रहेंगे, लेकिन केवल होम डिलीवरी की अनुमति।
दूसरे राज्यों से आने जाने पर रोक नहीं।
यूपी में शादी समारोह में आयोजन के दौरान सिर्फ 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति। अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोग शामिल हो सकेंगे।
साप्ताहिक बंदी के अलावा पहले से चल रहा रात्रि कर्फ्यू भी यूपी में जारी रहेगा।
अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद रहेंगे, बोर्ड परीक्षाएं भी रद्द।
सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक उत्सव से संबंधित और अन्य भीड़ तथा सभाएं आयोजित नहीं की जाएगी।

हालांकि, प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी तेजी से कम हो रही है। जब पंचायत चुनाव चल रहा था उस समय प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या 90 हजार पार कर गई थी। यह संख्या अब 51 हजार से कम हो गई है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार, 11 मई तक प्रदेश में 51284 कंटेनमेंट जोन थे।

कंटेनमेंट जोन पर निगरानी रखने के लिए 37812 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। हालांकि, पंचायत चुनाव होने से 90 हजार कंटेनमेंट जोन पर 30 हजार पुलिसकर्मी ही तैनात थे। अब कंटेनमेंट जोन की संख्या घटी है और पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है। इसका सकारात्मक असर हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही प्रदेश में जांच का दायरा बढ़ाने का आदेश दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि शहर से लेकर गांव तक जांच करते रहने से वायरस की चेन नहीं बनने पाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वर्तमान में 97,000 से अधिक राजस्व गांवों में वृहद टेस्टिंग अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग ने भी हमारे इस अभियान की सराहना की है। हर लक्षणयुक्त/संदिग्ध व्यक्ति की एंटीजन जांच की जाए। आरआरटी टीम की संख्या बढ़ाई जाए। कोविड प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। प्रत्येक जिले के लिए सचिव अथवा इससे ऊपर स्तर के एक-एक अधिकारी को नामित किया जाए। जबकि न्याय पंचायत स्तर पर जनपद स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया जाए।