डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नॉन टीचिंग के 534 नियमित पदों पर 28 दिसंबर को होने वाली भर्ती परीक्षा अगले आदेश तक के लिए टाल दी गई है। संस्थान ने लखनऊ के अभ्यर्थियों के पटना, राजस्थान और चेन्नई तक में परीक्षा केंद्र आवंटित कर दिए हैं। इसका विरोध किया जा रहा है।
21 दिसंबर के अंक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद संस्थान प्रशासन ने बुधवार को आनन-फानन बैठक करके अगली घोषणा तक के लिए परीक्षा टाल दी। हालांकि, आदेश में इसका कारण खराब मौसम की वजह से यातायात संसाधनों पर लगे प्रतिबंधों को बताया गया है। संस्थान प्रशासन का कहना है कि उन्हीं अभ्यर्थियों को दूसरे राज्यों में परीक्षा केंद्र आवंटित किया गया, जिन्होंने इसके लिए विकल्प ही नहीं दिया था। उधर, अभ्यर्थियों ने साफ किया कि आवेदन फॉर्म में इसका विकल्प ही नहीं मांगा गया।
फॉर्म भरने के बाद परीक्षा केंद्र के लिए अलग से नोटिस जारी किया गया। अभ्यर्थियों को व्यक्तिगत मैसेज भेजने तक की जरूरत नहीं समझी गई। इससे अभ्यर्थी विकल्प नहीं दे सके। अब अचानक अन्य राज्यों में परीक्षा केंद्र होने की सूचना मिली तो अभ्यर्थी विरोध में आ गए। उनका कहना है कि इतने कम समय में आखिर वे इतनी दूर जाने की व्यवस्था कैसे कर पाएंगे। गौरतलब है कि 534 पदों पर भर्ती के लिए देशभर से लगभग 44 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनमें अन्य राज्यों के अभ्यर्थी भी शामिल हैं।
लोहिया संस्थान में होने वाली नियुक्तियों का विवादों से गहरा नाता है। इसे टालने के बजाय संस्थान हर बार खुद नियुक्ति करता है। कुछ समय पहले केजीएमयू ने नर्सिंग के करीब एक हजार पदों पर भर्ती की है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से बगैर किसी विवाद के प्रक्रिया पूरी होने के बाद नर्सों ने ज्वाइन भी कर लिया है। उधर, लोहिया संस्थान अभी भी विवादों में ही पड़ा है।
लोहिया संस्थान की तरह केजीएमयू को भी भर्ती प्रक्रिया खुद करने का अधिकार है। हालांकि, इस दौरान आरोपों-प्रत्यारोपों को देखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने नियुक्ति की विशेषज्ञ सरकारी संस्था लोक सेवा आयोग को इसकी जिम्मेदारी दी। उसने गैर शैक्षणिक पदों की भर्तियों की जिम्मेदारी भी इसी को दी है।
उधर, लोहिया संस्थान अभी भी सारी नियुक्तियां खुद कर रहा है। उस पर हर बार भर्तियों में चहेतों को नियुक्ति देने का आरोप लगता है। नर्सिंग भर्ती में पहले परीक्षा का माध्यम सिर्फ अंग्रेजी रखने को लेकर विरोध हुआ था। संस्था ने दोनों माध्यमों से परीक्षा कराने का फैसला किया तो अब परीक्षा केंद्र को लेकर विवाद शुरू हो गया है। लोहिया संस्थान के मीडिया प्रभारी प्रो. एपी जैन का कहना है कि एसजीपीजीआई ने अपने यहां की भर्ती परीक्षा खुद आयोजित की थी। यह संस्था का अधिकार है। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से आयोजित की जा रही है।