रामपुर । लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर सपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सपा ने जहां मुरादाबाद में प्रत्याशी बदल दिया है तो वहीं रामपुर को लेकर एक लेटर मीडिया में आ गया है।
पहले चरण के चुनाव में टिकट को लेकर सपा में घमासान हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रामपुर से चुनाव न लड़ने से जेल में बंद आजम खां ने बगावत कर दी है। उन्होंने इस सीट पर चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है। इस बारे में आजम की ओर से रामपुर के सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर ने मीडिया को लिखित बयान भी जारी किया है। वहीं, सपा नेतृत्व ने मुरादाबाद में मौजूदा सांसद एसटी हसन का टिकट काटकर पूर्व विधायक रुचिवीरा को अपना सिंबल दे दिया है। बिजनौर में भी सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है।
रामपुर में सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर व पिछले लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी रहे आसिम राजा ने मीडिया के सामने आजम खां के पत्र को भी सार्वजनिक किया। इस पत्र में कहा गया है कि लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। सबकी निगाहें प्रत्याशी की घोषणा पर लगी हुई है। हम भी पिछले 40-50 वर्षों से चुनाव प्रकिया के भागीदार रहे हैं। लेकिन, हमारे सामने यह केवल चुनाव कभी नहीं रहा, बल्कि हमेशा गरीबों, मजदूरों, युवाओं और विशेषकर आने वाली नस्लों का भविष्य हमारी सियासत और जिंदगी का मकसद रहा है।
पत्र में आजम आगे लिखते हैं कि अपना पूरा जीवन इसी मकसद को हासिल करने में हमने लगाया है। आज उसी की सजा हमको मिल रही है। पार्टी के साथी और हमारा पूरा परिवार जेल की कोठरियों मे जिंदगी के दिन काट रहा है। पिछले कुछ समय में रामपुर को बर्बाद करने में कोई कसर नही छोड़ी गई। हजारों बेगुनाह लोगों पर झूठे मुकदमे लगाए गए और जेलों में डाला गया। रामपुर की आम जनता के साथ घोर अन्याय किया गया। पिछले दो उपचुनावों में जो कुछ हुआ उसे पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है।
रामपुर की ऐसी विशेष परिस्थितियों के कारण लोकसभा के वर्तमान चुनाव में हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से रामपुर से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। हमारा विचार था कि इन हालात में राष्ट्रीय अध्यक्ष का रामपुर से चुनाव लड़ना आवश्यक है। हम समझते है कि कन्नौज, आजमगढ़, बदायूं, मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद महत्वपूर्ण सीटें हैं, जिनका जीतना जरूरी है। इस सबके बाद रामपुर का सवाल है कि रामपुर कौन जीतेगा?