नई दिल्ली. द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एकतरफा मुकाबले में हराने के साथ ही भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया। मुर्मू (64) ने देश के 15वें राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक मान्य मत प्राप्त करने के बाद सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की।

भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने दावा किया कि 125 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। मतगणना में भी सामने आया है कि मुर्मू को 17 सांसदों की क्रॉस वोटिंग का लाभ मिला। क्रॉस वोटिंग से सबसे बड़ा झटका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए माना जा रहा है।

दरअसल, 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगी हैं। ममता बनर्जी ने ही इस राष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष को एकजुट करने के लिए तमाम दलों से बातचीत की थी जोकि बेकार गई। बीजेपी ने भी ट्वीट कर बताया कि टीएमसी के 2 सांसद और एक विधायक ने द्रौपदी मुर्मू को वोट किया. इतना ही नहीं टीएमसी के 2 सांसदों और चार विधायकों के वोट भी रद्द हुए हैं।

वहीं असम, झारखंड और मध्यप्रदेश के विपक्षी दलों के विधायकों की अच्छी खासी संख्या ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। माना जा रहा है कि असम के 22 और मध्य प्रदेश के 20 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। बिहार और छत्तीसगढ़ के छह-छह, गोवा के चार और गुजरात के 10 विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग की होगी।