कानपुर । मनीष गुप्ता हत्याकांड में कानपुर से भेजी गईं पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। शुक्रवार देर रात पुलिस ने बाराबंकी से हत्यारोपी दरोगा अक्षय मिश्रा के घर दबिश दी। वह नहीं मिला तो उसके बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। इसी तरह इंस्पेक्टर और अन्य आरोपियों के रिश्तेदारों व परिजनों को हिरासत में लेकर एसआईटी पूछताछ कर रही है। जिससे आरोपियों के बारे में कोई सुराग मिल सके।
एसआईटी अभी तक छह में से एक भी आरोपी को पकड़ नहीं सकी है। पुलिस कमिश्नर की छह टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। सभी आरोपियों के मोबाइल बंद हैं। ऐसे में पुलिस अब आरोपियों के घर, रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां दबिश दे रही है। दरोगा अक्षय मिश्रा की तलाश में बाराबंकी में स्थित उसके घर पर दबिश दी। अक्षय नहीं मिला।
टीम ने उसके बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। इसी तरह इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की तलाश में अमेठी, दरोगा विजय यादव के घर जौनपुर, दरोगा राहुल दुबे की तलाश में मिर्जापुर में दबिश दी। सिपाही प्रशांत और हेड कांस्टेबल की तलाश में गाजीपुर में टीमों ने खोजबीन की। हैरानी की बात ये है कि एक भी आरोपी हत्थे नहीं चढ़े।
गोरखपुर से नेपाल बार्डर पास में है। वारदात के एक दो दिन तक तो पुलिसकर्मी खुलेआम घूम रहे थे तब उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई। जब वह मोबाइल बंद कर फरार हो गए तब धरपकड़ शुरू हुई। आशंका है कि आरोपी नेपाल भाग गए हैं। इस संबंध में एसआईटी को इनपुट मिला है। गोरखपुर से नेपाल बार्डर की दूरी अधिक नहीं है।
एसआईटी एनबीडब्ल्यू लेने के लिए सोमवार को कोर्ट में अर्जी देगी। उसके बाद भी अगर आरोपी पकड़े नहीं गए और न ही सरेंडर किया तो एसआईटी अदालत से कुर्की का आदेश कराएगी। तब आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी। इस दौरान इनामी राशि भी बढ़ाई जाएगी।