नई दिल्ली। करवा चौथ का व्रत हिंदू महिलाएं रखती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु, अपार धन और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाया जाता है। इस वर्ष करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। इस बार करवा चौथ पर बहुत ही शुभ संयोग होने जा रहा है।
करवा चौथ के दिन चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर करेंगे। 13 अक्टूबर 2022 को शाम 06.41 मिनट तक कृतिका नक्षत्र और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र आरंभ होगा। दोपहर 01.55 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इन योगों को ज्योतिष शास्त्र में बहुत शुभ माना जाता है।
कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से शुरू होकर अगले दिन 13 अक्टूबर की मध्यरात्र 03.09 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के कारण करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर रखा जाएगा।
चंदन, सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार, करवा, शहद, अगरबत्ती, फूल, कच्चा दूध, शक्कर, घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत, दीपक, रुई, कपूर, गेंहू, हल्दी, जल, पीली मिट्टी, आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद मंदिर की सफाई करके दीपक जलाएं। देवी-देवताओं की पूजा करें। निर्जला व्रत का संकल्प लें। इस दिन शिव परिवार की आराधना की जाती है। सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। फिर माता पार्वती, महादेव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें। करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें। इसके बाद पति द्वारा धर्मपत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।