नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) में हर रोज लाखों लोग रोज सफर करते हैं. मेट्रो से समय की बचत तो होती है, वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण भी दूषित होने से बचता है और पार्किंग की भी कोई चिकचिक नहीं होती. मेट्रो दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के बहुत बड़े हिस्से को आपस में जोड़ती है. आप भी अक्सर मेट्रो का सफर करते होंगे तो क्या मेट्रो कलर कोड के बारे में जानकारी है? क्या आप जानते हैं कि दिल्ली मेट्रो के नाम कैसे रंगों के नाम पर पड़े हैं? अगर आपके मन में भी इस तरह का सवाल है, तो जानिए इस सवाल का जवाब, आखिर क्यों पड़े मेट्रो के रंग-बिरंगे नाम.
दिल्ली मेट्रो की सर्विस अभी कुल 9 कलर कोड में बंटी हुई है. मेट्रो के अलग-अलग रूट के नाम कलर के नाम पर रखे गए हैं. इसमें पिंक, रेड, ग्रीन, ब्लू आदि शामिल है. दिल्ली मेट्रो 9 रूट के अलावा एक एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर भी चलती है. अभी कई नए रूट्स पर काम चल रहा है जिससे कलर कोड का विस्तार हो जाएगा.
दिल्ली में रेड, ब्लू, येलो, पिंक, मेजेंट्स, वॉयलेट, ग्रे, ग्रीन और एक्वा लाइन के नाम से मेट्रो जानी जाती है. एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के लिए ऑरेंज रंग का कोड है. रेड लाइन चालू होने वाली पहली दिल्ली मेट्रो लाइन थी. यह रिठाला से गाजियाबाद के शहीद स्थल तक चलती है.
कलर पर रूट के नाम इसलिए रखे गए हैं, ताकि सभी में अंतर किया सके. दिल्ली मेट्रो हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. ऐसे में जो व्यक्ति पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें भी रूट समझने में आसानी होती है. अभी तक इंद्रधनुष के कलर पर मेट्रो के नाम रख दिए गए हैं.