मेरठ। देश 26 जनवरी को 73वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, लेकिन अभी भी पुलिसिंग में अंग्रेजी जमाने के कई कानून वजूद में बने हुए हैं। हालांकि बीते सात दशक से इनके तहत मेरठ जिले के किसी भी थाने में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
अंग्रेजों के जमाने में डकैती अधिनियम बना था। जिस इलाके में डकैती की ज्यादा वारदात होती थीं उस क्षेत्र को डकैती प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया जाता था। जिले में पुलिस ने इस अधिनियम के तहत किसी क्षेत्र को डकैती प्रभावित घोषित नहीं किया है। इसी तरह से ब्याज पर पैसा लेकर न लौटाने वालों पर ब्याज अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाती थी। यह भी अभी वजूद में है पर इसमें कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
पहले बाजार में तांबे के सिक्के आते थे। कुछ लोग उन सिक्कों को गलाकर सोने में मिक्स कर दिया करते थे। जब ऐसा करते हुए आरोपी पकड़े जाते थे तो छोटे सिक्के अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती थी। ठीक इसी तरह अंग्रेजों ने विष अधिनियम बनाया था। जब कोई विष पी लेता या फिर किसी पिला देता था, तो उस स्थिति में विष अधिनियम लगा करता था। इस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती थी। यह एक्ट है पर अब पुलिस इसका प्रयोग नहीं करती है।
कई पुराने कानून हैं, जिनका इस्तेमाल नहीं होता है। नए थानेदार और पुलिसकर्मियों को इन पुराने कानूनों के बारे में जानकारी भी नहीं है। कई कानूनों में संशोधन भी हो चुका है। – सुधीर कुमार, रिटायर्ड डिप्टी एसपी
कई पुराने कानून ऐसे थे, जिसके तहत सजा हुआ करती थी, लेकिन अब पुराने कानून का इस्तेमाल थानों में नहीं होता है। कई ऐसे कानून हैं, जो किताबों तक सीमित रह गए हैं। – रामकुमार शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता