यूपी। झांसी में उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद के पुत्र असद और शूटर गुलाम मोहम्मद के पुलिस एनकाउंटर में ढेर होने के बाद प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। सपा और बसपा जैसे राजनीतिक दलों ने जहां एनकाउंटर के जांच की मांग की है तो वहीं उमेश पाल हत्याकांड में शहीद हुए गनर संदीप निषाद के परिजनों ने एनकाउंटर को सही ठहराया है।
गनर संदीप निषाद आजमगढ़ जिले के अहिरौला थाना क्षेत्र के बिसईपुर गांव निवासी थे। असद के मारे जाने पर संदीप के पिता संतराम निषाद, माता संतरा देवी, भाई दीपचंद निषाद और विजय निषाद का कहना है कि अब संदीप निषाद की आत्मा को कुछ शांति मिली होगी। पूरी तरह से शांति तब मिलेगी जब अतीक अहमद के पूरे परिवार का खात्मा होगा।

संदीप निषाद के परिवार का कहना है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में माफिया को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी वह उन्होंने सच कर दिखाया। उम्मीद है कि आगे भी जो बचे हुए आरोपी है उनका भी यही हश्र होगा। तब जाकर हमें न्याय मिलेगा।

संतराम निषाद का कहना है कि बेटे संदीप की कमाई से घर चलता था। उसके जाने के बाद परिवार पर जो वज्रपात हुआ है। जिस तरह से हम लोग तड़प-तड़प कर जी रहे हैं। इसी तरह से अतीक अहमद और उसका परिवार भी तड़पे।

उन्होंने कहा कि सरकार चुन-चुन कर अपराधियों को कड़ी सजा दे। हमें योगी सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह हमें इस मामले न्याय जरूर दिलाएगी। उनकी इस कार्रवाई ने इस बात को साबित किया है कि योगी जी ने जो कहा है उसे पूरा करके ही रहेंगे।

चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की फरवरी में गोली मार कर हत्या कर दी गई। उमेश को बचाने के प्रयास में दो गनर भी शहीद हुए थे। इनमें से एक गनर आजमगढ़ के संदीप निषाद (26) थे।

उमेश पाल हत्याकांड के बाद आजमगढ़ एसपी अनुराग आर्य संदीप निषाद के बिसईपुर गांव स्थित आवास पर गए थे परिवार के लोगों से मुलाकात की थी। मोबाइल पर के डीजीपी डीएस चौहान ने परिजनों को हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन भी दिया था।

दो मार्च को एसपी अनुराग आर्य एक बार फिर से संदीप निषाद के परिजनों से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संदीप के पिता संतराम निषाद को मुआवजे के रूप में खाते में ट्रांसफर की गई 50 लाख रुपये की धनराशि के कागजात सौंपे थे।
दो मार्च को एसपी अनुराग आर्य एक बार फिर से संदीप निषाद के परिजनों से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संदीप के पिता संतराम निषाद को मुआवजे के रूप में खाते में ट्रांसफर की गई 50 लाख रुपये की धनराशि के कागजात सौंपे थे।