पालमपुर (कांगड़ा)। कारगिल युद्ध में जाने से पहले शहीद कैप्टन विक्रम बतरा खून से अपनी प्रेमिका की मांग भर गए थे। दोनों मनसा देवी चंडीगढ़ घूमने गए थे। मंदिर में परिक्रमा के दौरान विक्रम बतरा ने प्रेमिका का दुपट्टा पकड़कर बधाई हो मिसेज बतरा कहा था। द लव स्टोरी ऑफ विक्रम बतरा में चंडीगढ़ में रहने वाली उनकी प्रेमिका ने इन बातों का खुलासा किया है। उनकी प्रेमिका ने कहा कि जब बतरा ने कारगिल युद्ध जाने की बात सुनी थी तो वह काफी उत्साहित थे।

विक्रम बतरा ने अपना अंगूठा काटकर निकले खून से उनकी मांग भरी थी। उनकी मुलाकात पंजाब विवि में एमए करते समय हुई थी। एमए पूरा करने से पहले ही बतरा का चयन आईएमए के लिए हो गया था। अपनी स्टोरी में बतरा की प्रेमिका ने कहा कि जब लोग विक्रम बतरा की बहादुरी का जिक्र करते हैं तो उन्हें बहुत फख्र महसूस होता है। उनकी तमन्ना थी कारगिल युद्ध में बहादुरी के किस्से वह उन्हें सुनाती और बतरा अपनी बहादुरी के किस्से लोगों से सुनते। आज भी ऐसा कोई दिन नहीं, जिस दिन वह विक्रम बतरा को याद न करती हों।

शहीद कैप्टन विक्रम बतरा के पिता जीएल बतरा ने कहा कि चंडीगढ़ की इस महिला को वह आज भी सलाम करते हैं कि उन्होंने उनके शहीद बेटे विक्रम बतरा की याद में आज से करीब 22 साल पहले शादी न करने का फैसला लिया था। भगवान से उनके सदा सुखी रखने की दुआ करते हैं। विक्रम बतरा जब छोटे थे तो उन्हें वह धार्मिक किताबें लाना चाहते थे, जिससे वह संस्कार की बातें सीखें। उन्हें हैरानी हुई थी कि बतरा स्वयं भागवत से संबधित कई बातों को जानते थे।