नई दिल्ली. बसपा ने आगामी 23 जून को होने वाले लोक सभा उपचुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है. पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बसपा आजमगढ़ में लोक सभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार उतारेगी. वहीं, पार्टी ने रामपुर लोक सभा उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है.

बसपा की प्रदेश इकाई की दो दिवसीय जिला एवं मंडल स्तरीय समीक्षा बैठकों के बाद पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा, ‘बसपा सीमित संसाधनों वाली पार्टी है, जिसका मुकाबला बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के धनबल पर चलने वाली विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंडों से लगातार होता रहता है. इसलिए पार्टी और इसके जनाधार को नुमाइशी व शाहखर्ची वाली बैठकों से दूर रहकर छोटी-छोटी कैडर बैठकों के बलबूते मजबूत बनाना होगा.’

बयान के मुताबिक, बसपा की कैडर बैठक में उत्तर प्रदेश में आगामी 23 जून को होने वाले लोक सभा उपचुनाव में एक सीट पर उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया गया है. इसमें कहा गया है कि बसपा आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव लड़ेगी, लेकिन रामपुर लोक सभा सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी. बसपा ने कहा कि रामपुर क्षेत्र में पार्टी को अभी और मजबूत बनाने की जरूरत है और 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा वहां उम्मीदवार जरूर उतारेगी.

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल विधान सभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां रामपुर से विधान सभा चुनाव जीतने के बाद रामपुर लोक सभा क्षेत्र के सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं. इन नेताओं के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई दोनों सीटों पर 23 जून को उपचुनाव के लिए मतदान निर्धारित है.

बसपा द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़ा और धार्मिक अल्पसंख्यक विरोधी नीति व कार्यशैली अपनाने वाली कांग्रेस पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दमखम रखने वाली बसपा ही गरीब विरोधी एवं धन्नासेठ समर्थक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जड़ें हिलाने में सक्षम है. बयान में कहा गया है कि इसी लोक नजरिये के साथ राजनीतिक वास्तविकता के धरातल पर बसपा की उत्तर प्रदेश इकाई का दो दिवसीय जिला एवं मंडल स्‍तरीय बैठकों का दौर रविवार को संपन्न हुआ.