मेरठ। इकलौता गांव की बेटी पारुल चौधरी को अर्जुन अवार्ड मिलने पर गांव में खुशी का माहौल है। उनके घर जश्न मनाया गया। गांव में मिठाई बांटी गई। मंगलवार देर शाम पारुल अपने भाई राहुल, पिता कृष्णपाल व माता राजेश देवी के साथ गांव पहुंचीं तो लोगों ने जोरदार स्वागत किया। पिता ने कहा कि बेटी ने गर्व से सीना चौड़ा कर दिया। बुधवार को पारुल ओलंपिक की तैयारी के लिए बंगलूरू रवाना होंगी।
इकलौता गांव की बेटी पारुल चौधरी को अर्जुन अवार्ड मिलने पर गांव में खुशी का माहौल है। उनके घर जश्न मनाया गया। गांव में मिठाई बांटी गई। मंगलवार देर शाम पारुल अपने भाई राहुल, पिता कृष्णपाल व माता राजेश देवी के साथ गांव पहुंचीं तो लोगों ने जोरदार स्वागत किया। पिता ने कहा कि बेटी ने गर्व से सीना चौड़ा कर दिया। बुधवार को पारुल ओलंपिक की तैयारी के लिए बंगलूरू रवाना होंगी।
पारुल ने एशियन गेम्स में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण और 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक प्राप्त किया। इस उपलब्धि पर उन्हें अर्जुन अवार्ड दिया गया है। पारुल ने 2010 में कैलाश प्रकाश स्टेडियम में गौरव त्यागी से प्रशिक्षण लेना शुरू किया था।
पिता ने बताया कि सबसे पहले पारूल ने गांव में कच्ची सड़क पर दौड़ना शुरू किया। भराला गांव के बीपी इंटर काॅलेज में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इसके बाद ऑल इंडिया विवि चैंपियनशिप में प्रतिभा दिखाई।
साइकिल से 12 से 13 किमी का सफर तय कर वह कैलाश प्रकाश स्टेडियम में प्रशिक्षण करने जाती थीं। उनकी यही मेहनत रंग लाई और वह आगे बढ़ती चली गईं। पारुल ने 2018 में बैंकाक में हुई एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।