मेरठ। मेरठ के इकलौता गांव निवासी पारुल चौधरी अब पेरिस ओलंपिक की तैयारी में जुटी हैं। कुछ ही दिनों में वह पेरिस के लिए रवाना हो जाएंगी, फिलहाल वह विदेश में रहकर प्रतियोगिता की तैयारी कर रही हैं। यहां मेरठ में उनके पिता कृष्णपाल सिंह और माता राजेश देवी ने भी उनसे पदक की उम्मीद की है। उनके पिता ने बेटी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बेटी पदक लाई तो एक माह तक लड्डू बांटकर खुशी मनाई जाएगी।
पारुल पूरे देश में एकमात्र ऐसी एथलीट हैं जो दो व्यक्तिगत स्पर्धाओं में पेरिस ओलंपिक में प्रतिभाग करेंगी। पारुल 3000 मीटर स्टीपलचेज और 5000 मीटर दौड़ में हिस्स लेंगी। उन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था और 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक जीता था।
पारुल के पदक जीतने के बाद ही सरकार की ओर से उन्हें अर्जुन अवार्ड व रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें डीएसपी की पोस्ट भी दी गई थी। फिलहाल पारुल विदेश में हैं और जल्द ही पेरिस के लिए रवाना हो जाएंगी। उनके पिता कृष्णपाल सिंह और उनके भाई राहुल ने तो अभी से जश्न की तैयारी कर दी है।
पिता ने कहा कि बेटी ने पहले ही काफी नाम रौशन किया है। जब उसने शुरुआत की तो आस पास के गांव के लोग भी बेटी को बाहर भेजने के नाम पर ताने देते थे, लेकिन बेटी ने पदक लाकर देश का नाम रोशन कर सभी का मुंह बंद करा दिया।
अब पारुल से ओलंपिक में भी पदक की उम्मीद है। जिस तरह से वह तैयारी कर ही है वह भारत के लिए पदक लेकर लौटेगी। पारुल की माता राजेश देवी, भाई राहुल, भाभी परमिला, चाचा कपिल धनकड़ और दादी सुमित्रा ने भी पारुल से फोन पर बात कर उन्हें शुभकामनाएं दी।
पारुल ने 9 जुलाई को वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियशिप हंगरी में 3000 मीटर स्टीपल चेज में प्रतिभाग किया था। वह इस प्रतियोगिता में छठे स्थान पर रही थी। यह दौड़ उन्होंने 9:35.66 मिनट में पूरी की थी। पहले स्थान पर रहने वाली लॉगन जॉली ने 9:29.75 मिनट में यह दौड़ पूरी की थी और वह पारुल के व्यक्तिगत रिकॉर्ड से भी पीछे रही।
पारुल का 3000 मीटर स्टीपल चेज में व्यक्तिगत रिकॉर्ड 9:15.31 है जो उन्होंने 2023 बुडापेस्ट गेम्स में बनाया था। छठा स्थान आने के बाद पारुल ने पिता से फोन पर कहा कि पापा चिंता मत करो अभी काफी वक्त है पापा पेरिस से पदक लेकर लौटूंगी।