आगरा। मेट्रो के डिपो में सिग्लिंग का कार्य शुरू हो गया है। प्रथम चरण में शंट सिग्नल लगाने का काम होने लगा है। इस सिग्नल्स का प्रयोग डिपो परिसर में ट्रेन के संचालन हेतु किया जाता है। मेट्रो के सिग्नल रेलवे से अलग होंगे। मेट्रो द्वारा ट्रेन चलने के लिए हरा, रुकने के लिए लाल और सावधानी के साथ आगे बढ़ने के लिए बैगनी (वायलेट) रंग का प्रयोग किया जाएगा। मेट्रो के सीबीटीसी प्रणाली में मेन लाइन पर चल रही ट्रेनों के बीच भी संचार होता है। इसके साथ ही ट्रेन अपने आगे और पीछे चल रही ट्रेन को जानकारी देती है। इसी प्रक्रिया की मदद से मेन लाइन पर मेट्रो ट्रेनें एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखती हैं।
प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि मेट्रो ट्रेन के संचालन के लिए कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा, जो उन्नत सिग्लिंग सिस्टम है। मेट्रो यातायात प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के नियंत्रण के लिए ट्रेन और ट्रैक उपकरण के बीच दूरसंचार का उपयोग करती है। इससे ट्रेन की स्थिति के बारे में सही जानकारी मिलती है। उन्होंने बताया कि रेलवे में ट्रेन के चलने व मेन लाइन पर गति के साथ आगे बढ़ने के लिए हरा, रुकने के लिए लाल व सावधानी के साथ धीरे चलने के पीले रंग का प्रयोग किया जाता है।
पहले कारिडोर में ट्रेन के संचालन हेतु डिपो परिसर में आधुनिक आपरेशन कमांड सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। यहां से सर्विलांस व इलेक्ट्रिानिक्स सिस्टम के द्वारा प्रत्येक मेट्रो ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी। मानिटर पर लाइन डायग्राम की मदद से ताज ईस्ट गेट व सिकंदरा के बीच ट्रेनों की स्थिति को देखने के साथ ही संचालित भी किया जाएगा। इसके साथ ही स्टेशन परिसर एवं ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए पूरे कारिडोर पर नजर रखी जा सकेगी।