मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैराना की धरती पर उतरते ही सबसे पहले पलायन के पीड़ित परिवार से मुलाकात की। लगभग 40 मिनट की इस मुलाकात में उन्होंने परिवार वालों के साथ न केवल भोजन किया, बल्कि परिवार को सुरक्षा और मुआवजे का आश्वासन भी दिया। पीड़ित परिवार ने भी योगी आदित्यनाथ को पलायन करने के कारणों और बदमाशों-माफिया के आतंक की पूरी कहानी बताई। 

शामली में कस्बे के पब्लिक इंटर कॉलेज में बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर 12:10 बजे लैंड हुआ। इसके बाद 12:20 बजे उनकी गाड़ियों का काफिला कटहेरा धर्मशाला के पास पलायन के बाद वापस कैराना लौटे मूला पंसारी के पौत्र विजय मित्तल के आवास पर पहुंचा। मुख्यमंत्री सीधे पहली मंजिल पर बने आवास पर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, डीजीपी मुकुल गोयल व मनीष चौहान साथ थे। यहां पर सीएम ने विजय मित्तल के परिवार के अलावा 16 अगस्त 2014 को रंगदारी के कारण हत्यारों की गोलियों का शिकार बने व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष विनोद सिंघल के भाई वरुण सिंघल, पत्नी व बेटे आदि और 24 अगस्त 2014 को रंगदारी नहीं देने पर मुकीम गिरोह का शिकार हुए लोहा व्यापारी के ममेरे भाइयों शिवकुमार उर्फ शंकर की पत्नी रेखा, भाई विनीत और राजेंद्र उर्फ राजू की पत्नी व बेटे हर्षित से मुलाकात की।

इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने उनका दर्द साझा किया और सुरक्षा का भरोसा दिलाया। करीब 40 मिनट तक सीएम पीड़ित व्यापारियों के परिवारों के साथ रहे। पिछली सरकार के दौरान के माहौल की जानकारी पीड़ितों से ली। साथ ही भाजपा सरकार में सुरक्षा व्यवस्था के बारे में पूछा। जिस पर पीड़ितों ने कहा कि भाजपा सरकार में भय का माहौल हटा है। अब रात में भी लोग बिना किसी डर के घर से बाहर निकलते हैं। पिछली सरकारों में शाम होते ही यहां कर्फ्यू सा माहौल हो जाता था।

पीड़ित परिवारों को दिया सुरक्षा व मुआवजे का आश्वासन
मुख्यमंत्री के जाने के बाद व्यापारी विजय मित्तल ने बताया कि सीएम ने सभी पीड़ित व्यापारियों से उनके साथ हुई घटनाओं की विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद उन्हें सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाया। कहा कि पलायन के कारण जिनका नुकसान हुआ है उन्हें आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी। वरुण सिंघल ने बताया कि कैराना में 16 अगस्त 2014 को दिनदहाड़े दुकान पर बैठे उनके भाई विनोद सिंघल की हत्या की गई थी। इसके आठ दिन बाद 24 अगस्त को लोहा स्टोर के मालिक राजेंद्र उर्फ राजू व उनके ममेरे भाई शिवकुमार उर्फ शंकर की भी हत्या कर दी गई थी। योगी आदित्यनाथ ने सभी को सुरक्षा का आश्वासन दिया। कहा कि बदमाशों ने जिन व्यापारियों की हत्या की थी उनके बच्चों को सरकारी नौकरी दी जाएगी और परिवार को आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।

पीड़ितों के घर पर किया भोजन 
मुख्यमंत्री ने पलायन पीड़ितों के आवास पर ही भोजन किया। उन्होंने नाश्ते में केवल बादाम की गिरी ही ली। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार के साथ दोपहर के भोजन में मूंग की दाल, लौकी की सब्जी, खीर व रोटी खाई। करीब 40 मिनट के बाद दोपहर एक बजे सीएम ने आवास से बाहर आकर प्रेस को संबोधित किया। इस अवसर पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपुल जैन, शगुन मित्तल व अभिषेक गोयल भी मौजूद रहे।

डरना मत बाबा के पास बैठी हो 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विजय मित्तल, राजेंद्र उर्फ राजू के बेटे हर्षित, मृतक व्यापारी विनोद सिंघल के बेटे के लिए फलों की टोकरी लेकर आए थे। बच्चों को फल देते हुए उन्होंने उनके साथ बात भी की। इस दौरान योगी ने पास बैठी बच्ची को दुलारते हुए कहा कि अब कभी भी डरना मत, बाबा के पास बैठी हो।

व्यापारी परिवारों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस को संबोधित किया। कहा कि 1990 के दशक में राजनीति के अपराधीकरण व पेशेवर अपराधियों के दुष्कर्म का परिणाम कैराना व कांधला की जनता ने झेला है।

योगी ने कहा कि जब मैं 2017 में शामली आया था, तो बहुत सारे लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से यहां पीएसी बटालियन की स्थापना की मांग रखी थी। पीएसी की बटालियन की स्थापना के लिए मैं कैराना आया हूं। जो परिवार पिछली सरकारों में राजनितिक अपराधीकरण के शिकार हुए थे, उनमें से काफी परिवार वापस आ गए। उनमें एक विश्वास जगा है। हमारी सरकार अपराध व अपराधियों के विरुद्ध जिस जीरो टोलरेंस की नीति पर चल रही है, और आगे भी निरंतर चलेगी।

योगी ने कहा कि यहां बच्चों और महिलाओं में सरकार के प्रति विश्वास देखने को मिला है।, जो आगे रंग लाएगा। अपराध व अपराधियों के प्रति कठोरतम कार्रवाई करने के संकल्प के साथ ही आज हमारी सरकार और मैं स्वयं यहां पर आया हूं। यहां के लोग बेझिझक अपने पूर्वजों की भूमि पर रहें। यहां के व्यापार व औद्योगिक माहौल को और तीव्रता के साथ आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर प्रकार का सहयोग करेगी। पिछली सरकार में जिन परिवारों को क्षति पहुंचाई गई थी। जिन परिवार के लोगों की निर्मम हत्या हुई थी। शासन से उनकी रिपोर्ट मांगी गई है। उनमें बहुत सारे दोषियों पर कार्रवाई हो चुकी है। पीड़ित परिवारों को सरकार मुआवजा भी देगी ताकि वो अपने व्यवसाय व आर्थिक गतिविधियों को बढ़ा सकें और कस्बे की जनता शांतिपूर्वक रह सके।