पीएम मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें कृषि के क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते सात वर्षों में लगातार किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं… कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार नारियल की खेती को बढ़ाने के लिए नारियल बोर्ड अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। नारियल बोर्ड का अध्यक्ष एक गैर-सरकारी व्यक्ति होगा। यह व्यक्ति किसान वर्ग से होगा जो खेत के काम को जानते और समझते हैं।
तोमर ने कहा- हमारे देश में एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है। इसका उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दिया जा सके इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था इसमें हम संशोधन करने जा रहे हैं। बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री कहा कि यह किसानों के बीच से ही होगा जो खेती किसानी के कामों को जानते हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी बल्कि मंडियों को और मज़बूत किया जाएगा। मंडियों को और संसाधन मिले इस दृष्टि से प्रयास किया जाएगा। कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत एक लाख करोड़ रुपये प्रवर्धित किया गया है उस फंड का उपयोग कर सकेंगी।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एपीएमसी को खत्म नहीं किया जाएगा। कृषि कानूनों के लागू होने के बाद एपीएमसी को केंद्र के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से करोड़ों रुपये मिलेंगे जो उसे मजबूत करेगा। इससे ज्यादा किसानों को फायदा पहुंचेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि व्यक्ति एक से अधिक परियोजना (अधिकतम सीमा 25 और ये परियोजना अलग-अलग स्थान पर करना होगा) करेगा तो हर परियोजना पर अलग-अलग 2 करोड़ रुपये तक ब्याज पर छूट और गारंटी की पात्रता रहेगी। नरेंद्र तोमर ने कहा कि मैं नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संघों से धरना प्रदर्शन खत्म करने और बातचीत करने की अपील करना चाहता हूं। सरकार चर्चा के लिए तैयार है। सरकार कृषि मंडियों को और मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।