आगरा| शहर के व्यवसायी ने लेनदेन के विवाद में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। व्यवसायी का आरोप है कि उन्हें और उनके बेटे व भतीजे को शाहगंज थाने की पुलिस ने तीन दिन अवैध रूप से हिरासत में रखकर धमकाया। इसके बाद पुलिस ने सदर तहसील में ले जाकर किनारी बाजार स्थित उनकी चार करोड़ की दुकान का बैनामा तीसरे व्यक्ति के नाम करा दिया। पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत के बाद प्रकरण की जांच डीसीपी सिटी को दी गई है।

विजय नगर कालोनी में विजय श्री अपार्टमेंट निवासी मोहनलाल अग्रवाल और सोहन लाल अग्रवाल ने पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत की है। मोहनलाल और उनके भाई सोहनलाल अग्रवाल की सोहन ट्रेडिंग कंपनी, बाबा संस, बाबा एंटरप्राइजेज, कस्तूरी स्पाइसेज एंड ड्राइफ्रूट्स के नाम से फर्म हैं। उनका कारोबार चित्तीखाना रावतपाड़ा में है। कमला नगर निवासी कारोबारी से ऋण लिया था। उनसे लेनदेन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। दूसरे पक्ष ने कमला नगर थाने में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा लिखाया। इसके बाद इसी मामले में दूसरा मुकदमा कोर्ट के आदेश पर शाहगंज थाने में लिखा दिया।

आरोप है कि शाहगंज पुलिस ने 20 जून की शाम को चित्तीखाना स्थित कारखाने में दबिश देकर सोहनलाल, उनके बेटे दिलीप अग्रवाल और भतीजे शिवम अग्रवाल को उठा लिया। पुलिस तीनों को शाहगंज थाने लेकर आई। हवालात में पहले से बंद युवकों से उनकी पिटाई कराई। 21 जून की रात पुलिस ने बेटी स्वाति जैन को पकड़ने के लिए दबिश दी मगर वह नहीं मिली। 22 जून को पुलिस ने सदर तहसील से मोहनलाल को भी पकड़ लिया। उन्हें भी पुलिस शाहगंज थाने ले आई।

उनसे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए और नोटरी कराई गई। मोहनलाल और सोहनलाल के कागजों पर अंगूठे लगवाए गए। इसके बाद दोपहर में चार सिपाही दोनों भाइयों को सदर तहसील लेकर गए। वहां उनकी किनारी बाजार स्थित दुकान का बैनामा शुभम गोयल के नाम करा दिया गया। दुकान की कीमत चार करोड़ है। दुकान पर कब्जा पीड़ित पक्ष का है। इस मामले में एडीशनल डीसीपी प्रोटोकॉल शिवराम ने बताया कि कुछ लोगों ने शिकायत की है, इस प्रकरण की जांच डीसीपी सिटी सूरज राय को सौंपी है।

पुलिस पर उठे यह सवाल
1- पुलिस ने उन्हें किस आधार पर तीन दिन तक हिरासत में रखा।
2- पुलिस ने बैनामा कराने के बाद वीडियो भी बनाया। इसमें कहलवाया कि बैनामा उन्हेांने अपनी मर्जी से किया है। पुलिस से कोई शिकायत नहीं है।
3- शाहगंज थाने के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर अवैध हिरासत की बात सामने आ जाएगी।
4-पुलिस ने 20 जून को चित्तीखाने में दबिश दी थी। वहां के सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए जाएं।