नई दिल्ली. सूर्य की प्रचण्ड किरणों ने धरती को तपाना शुरू कर दिया है. कल यानी कि 25 मई को सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो चुके हैं. सूर्य 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेगा लेकिन सबसे ज्यादा गर्मी शुरू के 9 दिन में पड़ती है और इसलिए इन्हें नौतपा कहते हैं. इस दौरान तेज धूप पड़ने के साथ-साथ धूल भरी आंधी भी चलती हैं. ज्येष्ठ के महीने में गर्मी के प्रकोप के कारण इस दौरान कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है.
ज्येष्ठ के महीने में रखें इन बातों का ध्यान
धर्म-शास्त्रों में नौतपा की तीखी गर्मी को देखते हुए कुछ जरूरी सलाह दी गई हैं. इसके तहत नौतपा के दौरान जल से भरे घड़ों, रसदार फलों, जूते, छाता आदि का दान करने के लिए कहा गया है. वहीं बीमारियों से बचाव करने के लिए दोपहर में घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है. यदि धूप में बाहर निकलना भी पड़े शरीर को और सिर को सूती कपड़े से अच्छी तरह ढंककर बाहर निकलना चाहिए, ताकि सूर्य की तीखी किरणें शरीर को झुलसाएं नहीं.
नौतपा तपेगा तो होगी अच्छी बारिश
मान्यता है कि यदि नौतपा के दौरान तेज गर्मी पड़ती है तो बारिश के मौसम में अच्छी बारिश होती है. इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि तेज गर्मी के कारण समुद्र से वास्पीकरण की प्रक्रिया अच्छी तरह होती है, फिर इसी से बादल बनते हैं और बारिश होती है. यदि गर्मी तेज न पड़े तो वाष्पीकरण की प्रक्रिया ठीक तरह से नहीं हो पाती है और जल संकट पैदा होता है.