नई दिल्ली: 26 मई यानी आज से देश में एक नया बैंकिंग नियम लागू हो रहा है. अब बैंक में कैश निकालते या डिपॉजिट करते वक्त एक नए नियम का पालन करना होगा. आज के बाद से एक वित्त वर्ष में अपने बैंक अकाउंट से 20 लाख या उससे ज्यादा का कैश विथड्रॉल या डिपॉजिट करने वाले लोगों को अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड का नंबर भी देना होगा. यह नियम को-ऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस अकाउंट वालों पर भी लागू होगा. यह नियम करंट अकाउंट खोलने वालों को भी मानना होगा. यहां तक कि अगर आपको ऐसा ट्रांजैक्शन करना है तो आपको इसके कम से कम सात दिन पहले पैन कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा. सीबीडीटी ने 10 मई को लेकर नॉटिफिकेशन जारी किया था.
इन तीन तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होगा यह नियम
1. किसी भी बैंकिंग संस्था, कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ एक वित्त वर्ष में 20 लाख या उससे ज्यादा के अमाउंट का कैश डिपॉजिट करने पर.
2. किसी भी बैंकिंग संस्था, कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ एक वित्त वर्ष में 20 लाख या उससे ज्यादा के अमाउंट का कैश विथड्रॉल करने पर.
3. किसी भी बैंकिंग संस्था, कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ किसी व्यक्ति के करंट अकाउंट या कैश क्रेडिट अकाउंट खोलने पर.
इस अधिसूचना के मुताबिक,
“दूसरी श्रेणी में आने वाले कस्टमर को ऐसे ट्रांजैक्शन के वक्त अपने डॉक्यूमेंट्स में अपना पैन नंबर या आधार नंबपर बताना होगा. तीसरी श्रेणी के कस्टमर को, जिसे ऐसा कोई डॉक्यूमेंट मिलता है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि दिया गया नंबर सही और प्रामाणिक हो.”
सीबीडीटी का यह भी कहना है कि किसी धारा 139 के तहत किसी भी व्यक्ति को अपना आधार नंबर अपने डेमोग्राफिक और बायोग्राफिक इन्फॉर्मेशन के साथ प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल ऑफ इनकम टैक्स, द डायरेक्टर-जनरल ऑफ इनकम टैक्स, या इन दोनों की ओर से नियुक्त किए गए किसी अधिकारी के पास जमा करना होगा. ये ही पैन या आधार के ऑथेंटिफिकेशन के लिए फॉर्मेट और बाकी अर्हताएं तय करेंगे.
इस नियम का मुख्य उद्देश्य कैश के जरिए पैसों के अज्ञात लेन-देन पर लोन लगाना है. इसके पहले एक दिन में 50,000 से ज्यादा के कैश डिपॉजिट पर पैन कार्ड नंबर देना अनिवार्य था, लेकिन किसी भी तरीके के वार्षिक कैश विथड्रॉल या डिपॉजिट पर कोई प्रतिबंध नहीं था.