मेरठ. सभी हाईवे के किनारे हरित पट्टी छोड़ी जाती है इसकी लंबाई चौड़ाई हर जगह अलग-अलग होती है, यह दुकानदारों को पता होता है, लेकिन अवैध निर्माण की आदत ऐसी है कि लोग हरित पट्टी पर अवैध दुकान, ढाबे आदि निर्माण कर लेते हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी कि एनजीटी कई बार मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) को यह आदेश दे चुका है कि हरित पट्टी को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कर दिया जाए, लेकिन एमडीए की शिथिलता की वजह से अवैध निर्माण बड़ी संख्या में खड़े हुए हैं।

कभी- कभार अभियान चल जाता है जिसकी सूचना एमडीए एनजीटी को पहुंचाता रहता है, मगर एनजीटी छिटपुट कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी की टीम खुद मौके की स्थिति देखने और कार्रवाई का ब्यौरा तलब करने के लिए 11 जुलाई को मेरठ पहुंच रही है। वह विभिन्न स्थानों पर दौरा करेगी, उसके बाद एमडीए के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। एनजीटी की किसी प्रकार की कार्रवाई से बचने और एनजीटी को बहुत कुछ साफ सुथरा दिखाने के लिए एमडीए ने पहले से ही तैयारी कर ली है। हरित पट्टी के अवैध निर्माण तोड़े जाने लगे हैं। मंगलवार के बाद बुधवार को भी बड़ी संख्या में अवैध निर्माण तोड़े गए। एनएच-58 और बागपत रोड पर अवैध निर्माण तोड़ने के लिए अभियान चला। इस बड़ी कार्रवाई के लिए जानी थाना, टीपी नगर थाना, पीएसी व महिला पुलिस बल बुलाई गई थी। जोन सी में जोनल अधिकारी अरुण कुमार शर्मा और जोन बी में जोनल अधिकारी मनोज तिवारी के नेतृत्व में अभियान चला।