आज के वक्त में सोशल मीडिया कई लोगों के लिए आशा की नई किरण है. सोशल मीडिया के जरिए आम इंसान भी रातोंरात स्टार बन जाता है. बशर्ते आप में कुछ अलग करने का हुनर होना चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे मुश्किल वक्त में यूट्यूबर रवि कुमार राव ने दिखाया. रवि कुमार की कहानी थोड़ी डरावनी पर मोटिवेशनल है. इसलिए वक्त निकालकर आपको इस यूट्यूबर के बारे में थोड़ा करीब से जानना चाहिए.

हर किसी की लाइफ में एक अच्छा और बुरा वक्त आता है. रवि कुमार राव की जिंदगी में भी ऐसा लम्हा आया था. रवि कुमार बचपन से ही पढ़ने-लिखने में दिलचस्पी नहीं रखते थे. इसके लिए उन्होंने घर और दुनिया वालों के कई ताने भी सुने. रवि बताते हैं, ‘वो दौर ऐसा था कि ना मैं किसी को रोक सकता था. ना टोक सकता था. एक आवारा-निकम्मा जैसा हो गया था. अगर खाना भी खाता, तो साइड में कुत्ते की तरह पड़ा हूं.’

जिंदगी यूंही गुजर रही थी. फिर वो वक्त आया जब यूट्यूबर के पापा को माउथ कैंसर हो गया. पापा की बीमारी की वजह उन पर 47 लाख रुपये का कर्ज हो गया था. वो बताते हैं, ‘मेरे पिता जी किसान थे. फैक्टरी के अंदर भी काम किया.’ पिता का इलाज कराने के लिए रवि ने पैसे उधार लिए, खेत बेचा. मतलब एक बेटा अपने पिता को बचाने के लिए, जो कर सकता था, उन्होंने वो सब करने कोशिश की.


रवि बताते हैं, ‘हॉस्पिटल में पिता के इलाज के दौरान मुझे 6 दिन तक मुर्दा घर के बाहर सोना पड़ा. मुझे नहीं पता था कि ये मुर्दा घर है. एक दिन मेरे सिर के ऊपर से बॉडी निकली, तब मुझे पता लगा ये मुर्दा घर है. समय गुजारा. इधर पापा ठीक होकर हॉस्पिटल से घर आ गए. एक साल पापा घर पर रहे. इसके बाद उनकी डेथ हो गई.’

रवि ने आगे कहा, ‘पापा के जाने के बाद केवल एक खेत बचा था. मैं वहां सो रहा था. वहां एक कुंंआ था. मैं रात में वहां जाकर खड़ा हो गया. मैं अपनी जान देने वाला था. तब ख्याल आया कि मेरी मां है, भाई है, बीवी है. फिर मैंने काम करना शुरू किया. छोटे भाई ने मुझे यूट्यूब के बारे में बताया. इसके बाद मैंने हॉटेंड वीडियो देखना शुरू किया कि इस पर काम करेंगे. पैसा कमाने के लिए मैं रात को जहां कोई नहीं जाता है, मैं वहां जाता हूं. शमशान, कब्रिस्तान बहुत सारी जगह.

यूट्यूब पर वीडियो बनाकर दुनिया के सामने पेश करना रवि के लिए आसान नहीं था. पर उन्होंने ये सब किया आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई. रवि कुमार राव का RkRHistory यूट्यूब चैनल चल पड़ा. यूट्यूबर का कहना है कि भटकती आत्माओं ने उन्हें पैसा और शोहरत दोनों दिलाया.

रवि कुमार में कुछ कर गुजरने का हौसला था. इसलिए उन्होंने अपने डर को ताकत बनाया और आज उनके पास वो सब कुछ है, जिसके लिए वो कभी इधर-उधर भटक रहे थे.