नोएडा. सेक्टर-93ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट स्थित ट्विन टावर का ब्लास्ट एरिया 21 अगस्त को एक घंटे के लिए नो फ्लाइंग जोन रहेगा। एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी की बिजली काटकर पूरे परिसर को खाली कराया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक व्यक्ति और पशुओं को प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकालने के बाद ही ब्लास्ट किया जाएगा। इसके लिए एडिफिस इंजीनियरिंग ने प्राधिकरण समेत सभी अन्य एजेंसियों को कार्ययोजना भेजकर सहयोग करने को कहा है।

एडिफिस इंजीनियरिंग की ओर से सीईओ दिए पत्र में बताया गया है कि सुपरटेक की ओर से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और इंडियन एयरफोर्स से अपील की गई है कि वह ब्लास्ट के दिन दोपहर दो बजे से तीन बजे के बीच ट्विन टावर के 10 किलोमीटर के दायरे को नो फ्लाइंग जोन घोषित करें। साथ ही, नोएडा प्राधिकरण उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड को प्रभावित क्षेत्र में एक घंटे के लिए बिजली आपूर्ति बंद करने के निर्देश दे।

सुपरटेक की ओर से प्राधिकरण से सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ब्लास्ट के समय दो फायर टेंडर, पांच एंबुलेंस, डॉक्टर, हाउस कीपिंग स्टाफ आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। हाउस कीपिंग स्टाफ का काम ब्लास्ट के तुरंत बाद धूल आदि के अलावा साफ-सफाई के लिए होगा। एनडीआरएफ की टीम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगी।

ब्लास्ट के दिन एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज को पूरी तरह से खाली कराया जाएगा। इसके लिए दोनो आरडब्ल्यूए की ओर से एक-एक मैनेजर नियुक्त किया जाएगा, जो इस काम में मदद करेंगे। सोसाइटी खाली कराने के लिए प्राधिकरण और पुलिस को लिखित में सूचना देनी होगी। दोनों सोसाइटी में खड़े सभी वाहनों को विस्फोट से पहले निकाला जाएगा। कम से कम ट्विन टावर से 100 मीटर की दूरी पर इन्हें खड़ा किया जा सकेगा। इसके अलावा डीजल से चलने वाले फायर हाइड्रेंट पंप को चालू रखा जाएगा, ताकि आपातकाल में इस्तेमाल किया जा सके।

सुपरटेक ने ट्विन टावर के आसपास की इमारतों के संरचनात्मक ऑडिट की रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी है। आसपास की इमारतों के कॉलम की मरम्मत के लिए एजेंसी को काम सौंप दिया गया है। यह एजेंसी इमारतों की कमियों को दूर करेगी। बिल्डर ने स्टेटस रिपोर्ट भी सौंप दी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट में जमा किया जाएगा।

सेक्टर-93ए स्थित ट्विन टावर के आसपास की इमारतों का संरचनात्मक ऑडिट का काम सुपरटेक ने पूरा कर लिया है। बिल्डर ने 60 पेज की रिपोर्ट मंगलवार शाम को प्राधिकरण को सौंप दी। ऑडिट में इमारतों के कई पिलर की पहचान की गई है, जिनकी मरम्मत की जाएगी। इसके लिए एजेंसी को काम सौंप दिया गया है।

प्राधिकरण के निर्देश के मुताबिक सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) को सुपरटेक की ओर से 70 लाख रुपये देकर इमारतों का निरीक्षण कराया जाना था, लेकिन सुपरटेक ने पैसे देने से इनकार करते हुए सेवा नहीं ली। सुपरटेक ने स्वयं संरचनात्मक ऑडिट कराकर रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी। सुपरटेक ने एक एजेंसी का भी चयन कर लिया जो ऑडिट में बताई गई कमियों का समाधान करेगी। इसके बाद अंतिम ब्लास्ट के दौरान इमारतों को कोई खतरा नहीं होगा। बिल्डर प्रबंधन का कहना है कि जिस एजेंसी ने आरडब्ल्यूए के लिए संरचनात्मक ऑडिट किया था। उसी डी एंड आर कंसलटेंट से ऑडिट कराया गया।

सुपरटेक ने प्राधिकरण को अंतिम ब्लास्ट के लिए तैयार की गई स्टेटस रिपोर्ट भी सौंप दी है। अब प्राधिकरण इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को जमा करेगा। इसके माध्यम से प्राधिकरण कोर्ट को बताएगा कि अंतिम ब्लास्ट को लेकर अब तक की क्या तैयारियां हैं। 98 प्रतिशत तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। दो अगस्त से विस्फोटक लगाने का काम शुरू हो जाएगा, जो आखिरी दिन तक चलेगा।

अंतिम ब्लास्ट के लिए पुलिस की ओर से एनओसी अब भी अटकी हुई है। फायर विभाग से भी बातचीत होनी है। इस संबंध में बुधवार को सुपरटेक, एडिफिस इंजीनियरिंग, पुलिस और फायर विभाग के साथ बैठक होगी। इसमें अंतिम ब्लास्ट से पहले पुलिस की तैयारियाें पर चर्चा होगी।