भारत का चेरापूंजी सबसे ज्यादा बारिश के लिए जाना जाता है, लेकिन अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले के कोलोरियांग शहर के लोगों ने अब कोलोरियांग को सबसे ज्यादा बारिश के वाले क्षेत्र की पहचान देने की मांग की है. कोलोरियांग शहर के नागरिकों का दावा है कि कोलोरियांग ने मेघालय में मासिनराम और चेरापूंजी के बारिश के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इसके साथ इन्होंने आईएमडी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से कोलोरियांग में बारिश गेज स्थापित करके बारिश को सटीक रूप से मापने का आग्रह किया है.

दशकों से कोलोरियांग में रहने वाले नागरिकों ने बताया कि मेघालय के मासिनराम और चेरापूंजी को हटाकर इस शहर को धरती का सबसे गीला स्थान घोषित किया जाना चाहिए. इनका कहना है कि यहां तीन महीनों (अक्टूबर से दिसंबर तक) को छोड़कर सालभर सबसे ज्यादा बारिश होती है. अक्टूबर से दिसंबर तक भी बारिश देखने को मिलती है लेकिन इसकी तादाद कम होती है. बता दें, चेरापूंजी में लगभग 450 इंच (11,430 मिमी) औसत वार्षिक वर्षा दर्ज की जाती है.

मिमी और वर्षा के अन्य मापदंडों के संदर्भ में वरिष्ठ नागरिकों का मानना ​​है कि कोलोरियांग में सबसे अधिक बारिश होती है. अगर पूरे साल आईएमडी द्वारा ठीक से बारिश को मापा जाए तो इससे कोलोरियांग को सबसे अधिक बारिश वाले स्थान का टैग मिल जाएगा. यहां के लोगों का कहना है कि कोलोरियांग के निवासियों को केवल तीन महीने के लिए उचित धूप मिलती है और जनवरी से अक्टूबर तक यहां भारी बारिश होती है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग एक साल कोहरा और गीला मौसम रहता है.

बुनियादी ढांचे, घरों के निर्माण जैसे विकास संबंधी कार्यों के लिए कार्य अवधि केवल तीन महीने तक सीमित है. यहां गर्मियों में हर दिन बारिश होती है, जमीनी सर्वेक्षण और जनमत से इसे सत्यापित किया जा सकता है. यहां की बारिश दूसरों के लिए एक वरदान है, लेकिन कोलोरियांग और उसके आस-पास के लोगों के लिए ये अभिशाप है क्योंकि यह सड़कों के निर्माण, स्कूलों, अस्पतालों जैसे बुनियादी ढांचे जैसे विकास कार्यों में बाधा डालती है.

यहां के मौसम में भारी परिवर्तन देखा जा सकता है, जैसे सुबह के समय धूप के साथ आसमान साफ देखा जा सकता है लेकिन अचानक काले बादल के बाद दोपहर और शाम के समय भारी बारिश होती है, जो एक नियमित घटना है. कोलोरियांग बाजार की एक महिला वेंडर चेलो येफा के अनुसार यहां भारी और लगभग हर रोज बारिश होती है. “भारी बारिश के कारण भूस्खलन यातायात को बाधित करता है और ये हमारे शहर में आवश्यक वस्तुओं की कमी का कारण बनता है. हम खेती करने में असमर्थ हैं क्योंकि लगातार बारिश हमारी फसलों को नुकसान पहुंचाती है.”

नानग्राम मेगे ने इंडिया टुडे/आजतक से विशेष बातचीत में जानकारी दी कि केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू से आग्रह किया कि कोलोरियांग को सालभर में सबसे भारी बारिश वाला शहर घोषित किया जाए.

कोलोरियांग चीन के तिब्बत की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले का एक पहाड़ी जिला मुख्यालय है. इसकी समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊँचाई है और यह ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है, जो सरली, दामिन, पारसीपरलो आदि जैसे प्रशासनिक हलकों से घिरा हुआ है. ये अरुणांचल की राजधानी ईटानगर से लगभग 255 किमी दूर ये अपने प्राकृतिक वातावरण के लिए जाना जाता है.