वर्ल्ड बैंक का डेटा देखें, तो पता लगता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश भूमध्य रेखा के आस-पास होती है. ये हिस्से दक्षिण अमेरिका, मध्य और पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण-पूर्वी एशिया में आते हैं. इसमें भी एशिया में भारत का मेघालय सबसे ऊपर है.

शिलांग से करीब 60 किलोमीटर दूर बसे मासिनराम में सालाना औसत बारिश 11,871 मिलीमीटर होती है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी सबसे ज्यादा नम जगह के तौर पर इसी शहर का नाम दर्ज है.

कंडोबियाई शहर योरो (Lloró) और मासिनराम में तगड़ा कंपीटिशन रहा कि आखिर कहां बारिश ज्यादा होती है. वो ये दावा करता है कि उसके यहां 12,717 मिलीमीटर बारिश होती है. हालांकि, जांच में ऐसी कोई बात निकलकर नहीं आई.

इसके बाद अधिकारियों ने मान लिया कि बारिश को मापने के उसके तरीके पुराने रहे होंगे या शायद पहले बारिश होती रही हो. मगर, अब वहां बारिश 8 हजार मिलीमीटर पर अटक गई है.

बचपन से ही ज्यादा लोग सबसे ज्यादा बारिश वाली जगह के तौर पर चेरापूंजी को जानते रहे हैं. पहले ऐसा था भी, लेकिन फिर ये जगह दूसरे नंबर पर आ गई. यहां आज भी किसी-किसी रोज या हफ्तों तक मासिनराम से ज्यादा बारिश होती है.

मगर, बारिश का सालाना औसत निकालने पर चेरापूंजी दूसरे पायदान पर ही आता है. दोनों जगहों के बीच की सड़क से दूरी करीब 80 किलोमीटर है.