लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब तिमाही परीक्षा की शुरुआत की जाएगी, यानी हर तीन महीने पर स्टूडेंट्स को परीक्षा देनी होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बेसिक शिक्षा विभाग में ये बदलाव किया जा रहा है. दरअसल बेसिक शिक्षा विभाग के नए सत्र की शुरुआत 1 अप्रैल 2022 से हुई है और 16 जून तक बच्चों के गर्मी की छुट्टी खत्म खोने के बाद स्कूल खोल दिए गए है. अप्रैल से शुरू हुए सेशन में जून तक 3 महीने कि पढ़ाई पूरी हो गई है इसीलिए जुलाई के अंत में अब इन स्कूलों में परीक्षाएं करवाई जाएंगी. इस तरह से पहली परीक्षा जुलाई, फिर अक्टूबर और जनवरी में परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है.

बेसिक शिक्षा विभाग कि ओर से हर जिले में तिमाही परीक्षा करवाने के निर्देश दे दिए गए है. इसको लेकर गौतमबुद्धनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने तिमाही परीक्षा करवाने के निर्देश दिए है, इसलिए जिले में नकलविहीन परीक्षा क्रिया जाएगी. तिमाही परीक्षा का परिणाम एक हफ्ते में आएगा, इन परीक्षाओं से स्टूडेंट्स और टीचर दोनों को फायदा होगा क्योंकि टीचर्स आसानी से पता लगा सकेंगे कि बच्चों ने उनके पढ़ाए हुए सिलेबस को कितना समझा है इसके साथ ही बच्चों पर भी एकसाथ बोझ नहीं पड़ेगा और वो थोड़ी-थोड़ी तैयारी करते रहेंगे.

दरअसल तिमाही परीक्षा के निर्णय से पहले राज्य सरकार ने साल में 2 बार परीक्षा का निर्णय लिया था, ये परीक्षा मिशन प्रेरणा के तहत होने वाला था. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ये नही हो पाया. वहीं तिमाही परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग का कहना है कि उससे बच्चों की पढ़ाई और बेहतर होगी क्योंकि समय समय पर उनका आकलन हो सकेगा. बच्चे जिस सब्जेक्ट में कमज़ोर होंगे उन्हे उस हिसाब से पढ़ाई करवाई जाएगी. जिन बच्चों के अच्छे नंबर नही आएंगे उन्हे रेडमीडियल टीचिंग के तहत पढ़ाया जाएगा और फिर जो अगला एग्जाम होगा उसमें चेक किया जाएगा कि टीचिंग तकनीक से बच्चों को कितना फायदा हुआ है.