नई दिल्ली। देश में आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। वहीं देश में कई किसान ऐसे भी हैं, जो अपात्र होने के बाद भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसी कड़ी में 3 लाख 15 हजार 10 किसानों को चिह्नित किया गया है, जो गलत ढंग से योजना का लाभ उठा रहे हैं।
प्रदेश के इन कथित लाभार्थी किसानों से किस्त के पैसों की वसूली की जाएगी। इसके अलावा जिन अपात्र किसानों ने अब तक पीएम किसान योजना की किस्त का लाभ उठाया है। वह खुद भी पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करके धनराशि को लौटा सकते हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ‘अपात्र किसानों की समीक्षा करके उनसे वसूली की जाए और वसूल किए गए पैसों को केंद्र सरकार के खाते में जमा किए जाएं।’देश में करोड़ों किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं।
ऐसे में मुख्य सचिव ने इस बात का भी निर्देश दिया है कि किसानों के डाटा में सुधार किया जाए। इसके अलावा रुके हुए प्रकरणों पर जल्द से जल्द काम किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व व कृषि विभाग की टीम बनाकर 100 प्रतिशत सत्यापन 30 जून तक पूरा कराया जाए।
वहीं कई किसान ऐसे भी हैं, जिनकी किस्त रुकी हुई है। किस्त रुकने का कारण डाटा बेस में उनके आधार कार्ड की गलत जानकार का अंकित होना है। इसके अलावा कई किसानों के आवेदन पत्र में नाम व आधार कार्ड के डाटा में भिन्नता होने की वजह से भी किस्त रुकी हुई है।
मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा है कि सभी लाभार्थियों का 31 मई से पहले ई-केवाईसी कराया जाए। रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक केवल 53 प्रतिशत किसानों की ई-केवाईसी हो पाई है।