मेरठ. मेरठ में स्वीमिंग पूल में हादसों के बाद अब खेल प्रशासन की चेतना टूटी है। खेल विभाग ने बिना एनओसी जिम, स्वीमिंग पूल नहीं चलेंगे इसका आदेश अब जारी किया है। जिले में स्वीमिंग पूल और जिम संचालन से पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेना होगा। मानकों को पूरा करना होगा इसके बाद ही उनका संचालन होगा। बता दें कि मई में कंकरखेड़ा में स्वीमिंग पूल में गिरने के दौरान युवक की मौत हो गई थी। घटना के पूरे 20 दिन बाद खेल विभाग नियमावली जारी कर रहा है।

पहले जान लीजिए RSO गदाधर बारीकी की चिट्‌ठी
आरएसओ ने जिम और पूल संचालन के लिए लिखा है कि जिले में तमाम जिम, पूल बिना एनओसी चल रहे हैं। मानकों का पालन नहीं हो रहा इससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसलिए शासन के नियमों का पालन करते हुए पूल, जिम संचालित करें। इसके लिए कैलाश प्रकाश स्टेडियम में तय फीस जमा करके, औपचारिकताएं पूरी कर आवेदन करें। जांच समिति जांच के बाद पूल, जिम संचालन के लिए वार्षिक अनापत्ति प्रमाण पत्र देगी। अगर निरीक्षण में कोई जिम, पूल बिना एनओसी चलता मिला तो उस पर कानूनी एक्शन होगा।

समिति देती है एनओसी
जिले के किसी भी स्विमिंग पूल को जिला प्रशासन की ओर से संचालन के लिए एनओसी नहीं है। यह एनओसी जिला प्रशासन की अगुवाई में जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति देती है। मेरठ में स्कूल, होटल, क्लब में पूल चल रहे हैं, लेकिन कभी उनकी एनओसी की जांच नहीं होती। न ही जिम की एनओसी चैक करने समिति जाती है।

स्वीमिंग पूल में जरूरी नियम
– स्विमिंग पूल का अधिकतम साइज 25 बाई 50 मीटर और न्यूनतम साइज छह बाई 10 मीटर होना चाहिए। बीच में 16 बाई 25 और 10 बाई 15 मीटर है। जबकि पूल की गहराई तीन फिट से 20 फिट तक हो।
– लर्निंग पूल की गहराई 4.5 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
– छोटे बच्चों के पूल को 2 से 3.50 मीटर तक गहरा होना चाहिए
– बड़े-छोटे हर पूल में नेशनल या स्टेट लेवल का एक खिलाड़ी, एनआइएस कोच, साई से प्रमाणित, फौज या पीएसी से जुड़े दो लाइफ गार्ड हों।
– 24 घंटे में कम से कम 4 घंटे पूल का फिल्टर प्लांट चले, इंडोर, प्रॉपर लाइट, ऑक्सीजन और लाइफ सेविंग किट हो