सुप्रीम कोर्ट ने बच्चा गोद लेने के तौर-तरीकों में ढील देने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने बताया है कि देश में लगभग 3 करोड़ अनाथ बच्चे हैं। वहीं करोड़ो दंपत्ति निसंतान है। वहीं कानूनी परेशानियों के कारण हर साल लगभग 4 हजार बच्चे ही गोद लिए जाते हैं।

याचिकाकर्ता ने देश की सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल करके बच्चा गोद लेने की प्रकिया को आसान बनाने की मांग की है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता के द्वारा मांग की गई है कि बच्चा गोद लेने के लिए प्रकिया सभी के लिए एक समान हो। बच्चा गोद लेते समय किसी के साथ भेदभाव न किया जाए।

पहले तो कानूनी प्रकिया पूरी करने में बहुत ज्यादा समय लगता है। वहीं कानूनी प्रकिया पूरी हो जाने के बाद भी बच्चा गोद लेने में अभी बहुत समय लगता है। कारा की टीम खुद सभी जानकारी की जांच पड़ताल करती है जिसमें समय लग जाता है। इसके साथ ही पुलिस विभाग के द्वारा दिए जाने वाला नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट में भी बहुत समय लगता है।