नई दिल्ली. अलग-अलग राज्‍यों के सरकारी कर्मचार‍ियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है. राजस्‍थान की गहलोत सरकार के बाद पुरानी पेंशन योजना को पंजाब, झारखंड और छत्‍तीसगढ़ सरकार ने इसे लागू कर द‍िया है. लेक‍िन इसकी राह आसान नहीं लग रही है. हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कुछ राज्यों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना के फ‍िर से शुरू करने पर चिंता जताई है.

नीति आयोग की तरफ से उठाई गई आपत्‍त‍ियों को संबंध‍ित राज्‍यों को भेजा जा रहा है. ऐसे में यह भी सवाल उठने लगा है क‍ि क्‍या राजस्‍थान में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर द‍िया जाएगा? केंद्र सरकार की तरफ से यद‍ि पैसा नहीं द‍िया जाता तो राज्‍य इस पर खर्च होने वाली रकम कहां से लाएंगे? नीत‍ि आयोग के उपाध्‍यक्ष बेरी ने तो साफ कहा था क‍ि राज्य सरकारों की तरफ से उठाए गए इस कदम से भविष्य के टैक्सपेयर्स पर बोझ पड़ेगा.

आपको बता दें राजस्‍थान के सीएम अशोक गहलोत ने मार्च 2022 में बजट पेश करते समय व‍िधानसभा में सात लाख कर्मचार‍ियों के ल‍िए पुरानी पेंशन बहाल करने की बात कही थी. इसके बाद पंजाब, झारखंड और छत्‍तीसगढ़ सरकार ने भी ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम को लागू करने की घोषणा की है. अब नीत‍ि आयोग की तरफ से आई आपत्‍त‍ि के बाद भव‍िष्‍य में क्‍या होगा? इस पर सवाल उठने लगे हैं. नीत‍ि आयोग के उपाध्‍यक्ष का बयान ऐसे समय में सामने आया है जब इसी हफ्ते राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ों यात्रा’ राजस्‍थान में प्रवेश करने वाली है.

राजस्‍थान में इस योजना को लागू करने पर सालाना 41 हजार करोड़ रुपये का व‍ित्‍तीय बोझ बढ़ेगा. आपको बता दें राजस्‍थान सरकार ने मार्च में जब पुरानी पेंशन योजना को लेकर घोषणा की थी तब व‍ित्‍त मंत्रालय की तरफ से इसे व‍ित्‍तीय अनुशासनहीनता करार द‍िया था. व‍ित्‍त मंत्रालय की कड़ी ट‍िप्‍पणी के बाद अब नीत‍ि आयोग के उपाध्‍यक्ष की तरफ से द‍िए गए बयान से पुरानी पेंशन योजना के लागू होने पर असमंजस की स्‍थ‍ित‍ि बनी हुई है. कर्मचार‍ियों के बीच यह चर्चा आम हो गई है. खबर यह भी है क‍ि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के साथ राजस्‍थान पहुंच रहे राहुल गांधी से प्रदेश के कर्मचारी संगठन मुलाकात करंगे.

दूसरी तरफ गुजरात में सत्‍ता में आने पर दो राजनीत‍िक पार्ट‍ियों ने पुरानी पेंशन योजना को फ‍िर से शुरू करने का वादा क‍िया है. आने वाले समय में यह द‍िलचस्‍प होगा क‍ि पुरानी पेंशन योजना गुजरात कर्मचार‍ियों के ल‍िए लागू हो पाएगी या नहीं.