उत्तर प्रदेश। गणतंत्र दिवस परेड में गिने-चुने दिन बाकी रहे गए हैं। नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न राज्यों की झांकियां निकाली जाएगी। इसमें उत्तर प्रदेश की निकलने वाली झांकी इस बार ‘महाकुंभ’ की थीम पर आधारित है। उत्तर प्रदेश की झांकी भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित “महाकुम्भ 2025- स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास को प्रदर्शित करेगी। इस झांकी में प्रयागराज में पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर हो रहे महाकुम्भ के दिव्य स्वरूप को दर्शाया जाएगा, जो पृथ्वी पर मानवता का सबसे बड़ा समागम है।
2025 का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन महाकुम्भ अध्यात्म, धरोहर, विकास और डिजिटल प्रगति का संगम है। इस झांकी के केंद्र में भी यही है। ट्रैक्टर के आगे ‘अमृत कलश’ की आगे झुकी हुई भव्य प्रतिकृति दर्शाई गई है, जिससे अमृतधारा प्रवाहित हो रही है। राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, झांकी के ट्रेलर पैनल में भित्ति चित्र और एलईडी स्क्रीन प्रदर्शित की जाएगी जिसमें अमृत स्नान में भाग ले रहे अखाड़ों और श्रद्धालुओं को दिखाया जाएगा, जो महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जा को जीवंत कर रहे हैं। योगी सरकार के नेतृत्व में हो रहे अभूतपूर्व आयोजन में हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से लोग आ रहे हैं। अनुमानित तौर पर महाकुंभ 2025 में 42 करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना जताई गई है। महाकुंभ के अवसर पर संगम में स्नान करने आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, महाकुंभ थीम वाली यूपी की झांकी में ट्रेलर के प्लेटफार्म पर समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को चित्रित किया जाएगा, जो महाकुम्भ के महत्व और इसकी ऐतिहासिकता को रेखांकित करती है। इसके पिछले हिस्से में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों को दर्शाया गया है, जिसमें हलाहल विष, कामधेनु, उच्चै श्रवा घोड़ा, ऐरावत हाथी, कौस्तुभ मणि, कल्पद्रुम, रंभा अप्सरा, लक्ष्मी, वारुणी, चंद्रमा, पारिजात वृक्ष, शंख, धन्वंतरि, अमृत शामिल हैं।
झांकी के माध्यम से प्रयागराज में हो रहे ‘महाकुंभ 2025’ के आयोजन में अपनाई जा रही टेक्नोलॉजी, प्रबंधन और डिजिटलीकरण को भी दर्शाया जाएगा। इसके लिए हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को प्रमुखता से दिखाया गया है, जो सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके साथ ही एलईडी के माध्यम से महाकुम्भ पर्व स्नान को जाते अखाड़ों के जुलूस को भी प्रसारित किया जा रहा है। बता दें कि प्रयागराज में 12 पूर्ण कुंभ को के बाद 144 साल में होने वाला महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है।