अयोध्या. उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं. पूरे यूपी में भाजपा का कमल खिला. अब यूपी में महापौर के शपथ ग्रहण की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है. इस बीच निकाय चुनाव में धर्म नगरी अयोध्या में दूसरी बार भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. अयोध्या की जनता ने एक मठ के महंत को अयोध्या नगर निगम का महापौर बनाया है. आज हम उन्हीं मठ के महंत गिरीश त्रिपाठी के बारे में बताएंगे, जिनके पिता भी कभी अयोध्या नगर निगम से चुनाव भी लड़ चुके हैं. साथ ही चुनाव में पिता जो नहीं कर सके, वह बेटे ने कर दिखाया है. करके दिखा दिया है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपको इसके 33 साल पीछे लेकर चलते हैं.

दरअसल अयोध्या में 1989 में नगर पालिका का चुनाव हुआ था, जिसमें एक महंत को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था. उस समय अयोध्या नगर पालिका के चेयरमैन महंत अवधेश दास शास्त्री चुने गए थे. इतना ही नहीं उस दौरान महंत गिरीश त्रिपाठी के पिता शिवानंद त्रिपाठी कांग्रेस से अयोध्या नगर निगम के चेयरमैन पद के प्रत्याशी थे. करीब 33 साल पहले गिरीश पति त्रिपाठी के पिता ने भी अयोध्या नगर पालिका में अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर सके थे.

शिवानंद त्रिपाठी के बेटे गिरीश त्रिपाठी ने 2017 में भाजपा का दामन थाम लिया. इसके बाद निकाय चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने भगवान राम के कुल गुरु गुरु वशिष्ट के पीठाधीश्वर गिरीश त्रिपाठी को अयोध्या नगर निगम के मेयर पद का टिकट दिया. इतना ही नहीं, अयोध्या की जनता ने भी अयोध्या का प्रतिनिधित्व करने के लिए गिरीश पति त्रिपाठी को मेयर की कुर्सी पर बैठा दिया .

अयोध्या के वरिष्ठ पत्रकार कमलाकांत सुंदरम बताते हैं कि सन 1989 में अयोध्या नगर पालिका में चुनाव हुआ. उस दौरान महंत अवधेश दास शास्त्री और काग्रेस की तरफ से शिवानंद त्रिपाठी बबुआ चुनाव लड़े. उस समय शिवानंद त्रिपाठी ने नगर निकाय के चुनाव में हार का सामना किया था. हालांकि 33 साल बाद पिता के सपने को बेटे ने ऐतिहासिक जीत के साथ पूरा किया है. अब अयोध्या की जनता ने अयोध्या नगर निगम का दूसरा मेयर एक महंत को बनाया है.