बठिंडा. पंजाब के बठिंडा का एक शिक्षक दंपती अपनी सरकारी ड्यूटी खत्म होने के बाद पावर हाउस रोड की लाइटों पर भीख मांगने वाले और नजदीक की झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाई करवाने में जुटा है। फुटपाथ पर ही यह अध्यापक दंपती दो घंटे तक रोजाना करीब 20 बच्चों को शिक्षा देते हैं।

नथाना स्कूल में तैनात अध्यापक सुखपाल सिंह और छिंदरपाल कौर बताते हैं कि जब भी वो रास्ते से कहीं गुजरते और ट्रैफिक लाइटों पर बच्चों को भीख मांगते देखते थे तो उनके मन में एक टीस पैदा होती थी कि आखिर ये बच्चे पढ़ाई से दूर क्यों हैं?

यही वजह है कि उन्होंने बच्चों को शिक्षा देने का बीड़ा उठाया। अध्यापक दंपती बताते हैं कि जिला शिक्षा अधिकारी ने जब एक दिन उन्हें पूछा कि कोई ऐसा अध्यापक हो जो ऐसे बच्चों को शिक्षा दे सके तो उन्होंने बिना कुछ सोचे तुरंत अपने विभाग के अधिकारी को हां कर दी।

पावर हाउस रोड की लाइट पर कुछ बच्चे हमेशा आने जाने वाले वाहन चालकों से भीख मांगते थे और वहीं नजदीकी झोपड़ी के बच्चे भी इन बच्चों को देखकर भीख मांगते नजर आते थे। जैसे ही अध्यापक दंपती ने इन बच्चों के परिजनों से बातचीत करके कदम आगे बढ़ाया तो दंपती की कक्षा में 20 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आने लगे।

अध्यापक दंपती ने बताया कि इन बच्चों को शिक्षा देकर अच्छा इंसान बनाने के मकसद से उन्होंने दो घंटे की कक्षा शुरू की है। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे बडे़ अनुशासन के साथ पढ़ाई करते है और निजी स्कूलों के बच्चों की तरह अपने अंदर गुण पैदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 20 बच्चों में से कई ऐसे भी बच्चे हैं, जो पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन किसी कारण वह स्कूल में दाखिला नहीं ले पा रहे थे। मगर अब सभी बच्चे मन लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं।

अध्यापक दंपती अपनी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों का पूरा ख्याल रखते है। बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनकी हर जरूरत को पूरा किया जाता है। रोजाना इन बच्चों को कुछ न कुछ खिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए कॉपी, पेंसिल से लेकर कपड़ों तक का वो ख्याल रखते हैं।

पता चला है कि जब अध्यापक दंपती ने इन बच्चों की कक्षाएं फुटपाथ पर शुरू कीं तो राहगीर देखकर हैरान होने लगे लेकिन जैसे ही धीरे-धीरे बच्चों की संख्या कक्षा में बढ़ने लगी तो आम लोग भी अध्यापक दंपती की सराहना करने लगे और हर तरह की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं।