डॉक्टर क्षितिज कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है। साल 2020 में विश्व स्तर पर 2.3 मिलियन महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हुई थीं और इसकी वजह से 685, 000 महिलाओं की जान गई थी। ब्रेस्ट कैंसर के ठीक होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि इसका पता किस स्टेज पर चला है। यह बीमारी ज्यादातर 40’s और 50’s में होती है। ब्रेस्ट कैंसर का असर फर्टिलिटी और फैमिली प्लानिंग पर भी पड़ता है।
डॉक्टर कहते हैं कि कुछ ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कतें होती हैं लेकिन कई महिलाएं इलाज के बाद भी कंसीव कर लेती हैं। इसमें कीमोथेरेपी से इलाज किया जाता है जिससे प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर का खतरा रहता है जो हेल्दी कोशिकाओं को प्रभावित कर इनफर्टिलिटी पैदा करता है। हालांकि, मेडिकल की दुनिया में एडवांसमेंट आने की वजह से अब ब्रेस्ट कैंसर के बाद भी महिलाएं गर्भधारण कर पाती हैं।
डॉक्टर क्षितिज का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद कंसीव करने के लिए कम से कम दो साल तक का इंतजार करना चाहिए। इससे कैंसर के दोबारा होने का खतरा खत्म हो तजाता है। ब्रेस्ट कैंसर की ट्रीटमेंट के बाद पहले दो साल काफी संवदेनशील होते हैं।
कई महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद शिशु को दूध पिलाने में भी दिक्कत आती है। सर्जरी या रेडियोथेरपी का असर ब्रेस्टफीडिंग पर पड़ सकता है और ब्रेस्ट में दूध कम बनने और एनाटोमिकल बदलाव आने का खतरा रहता है। अगर मां कीमोथेरेपी या ब्रेस्ट कैंसर की कोई दवा नहीं ले रही है, तो वह अपने शिशु को दूध पिला सकती है।
अगर आप ब्रेस्ट कैंसर की कोई भी दवा ले रही हैं, तो शिशु को दूध पिलाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर बात करें। ऐसा नहीं है कि ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाएं अपने शिशु को दूध नहीं पिला सकती हैं लेकिन आपको डॉक्टर से पूरी जांच करवाने के बाद ही यह कदम उठाना चाहिए।
नोट : अगर आपकी भी कोई प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम या कॉम्प्लिकेशन है जिस पर आप गायनेकोलॉजिस्ट की सलाह या एक्सपर्ट एडवाइस लेना चाहती हैं, तो उसे [email protected] पर भेज सकती हैं। आपकी पहचान गुप्त ही रखी जाएगी।
पारुल रोहतगी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 9 वर्षों से अधिक अनुभव है। इन्होंने डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी काम किया हुआ है। वर्तमान में ये NBT के लाइफस्टाइल फैमिली सेक्शन में बतौर सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर काम कर रही हैं। इन्हें अलग-अलग विषयों पर लिखना और अपने लेखों से लोगों को जानकारी देना पसंद है। इन्हें हेल्थ, एस्ट्रोलॉजी, लाइफस्टाइल, टेक आदि सेक्शन पर लिखने का अनुभव भी है। खाली समय में इन्हें किताबें पढ़ना और नई टेक्नोलॉजी को सीखना पसंद है।