नई दिल्‍ली. स्‍वामी रामदेव का लक्ष्य रुचि सोया को एक वैश्विक ब्रांड बनाना है, जो भारत में खाद्य तेल का सबसे बड़ा निर्माता है। पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक रामदेव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि रुचि सोया अब केवल एक कमोडिटी कंपनी नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनी के पास अन्य बिजनेस के बीच एफएमसीजी, खाद्य व्यवसाय और न्यूट्रास्यूटिकल्स भी है। कंपनी वैश्विक पहुंच को मजबूत करने के साथ-साथ भारत में ग्रामीण वितरण पर केंद्रित है।

स्‍वामी रामदेव ने इससे पहले Tweet किया कि रुचि सोया के साथ आइए, देश को स्वस्थ, समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए इतिहास रचें। रुचि सोया का यह इश्यू 24 मार्च को खुला है और 28 मार्च 2022 तक बोली लगाने को मिलेगी। इस इश्यू के जरिए स्वामी रामदेव की पतंजलि की योजना बाजार नियामक सेबी के न्यूनतम शेयरधारिता नियमों का पालन करने की है। 650 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर 4,300 करोड़ रुपये का FPO उपलब्ध है। जबकि स्‍टॉक एक्‍सचेंज में इसके एक शेयर की कीमत 882 रुपये है।

पतंजलि की रुचि सोया में 98.9% हिस्सेदारी है और बाकी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। एफपीओ के बाद कंपनी में पतंजलि की हिस्सेदारी घटकर 81 फीसदी रह जाएगी जबकि सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़कर 19 फीसदी हो जाएगी।

रुचि सोया इंडस्ट्रीज ने अपने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) से पहले 23 मार्च को 46 एंकर निवेशकों से 1,290 करोड़ रुपये जुटाए। एफपीओ सार्वजनिक निवेशकों को बिना किसी ऑफर फॉर सेल कंपोनेंट के केवल एक नया इक्विटी शेयर जारी करने वाला है। यह कंपनी पाम, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, बिनौला आदि खाद्य तेल सेक्‍टर में है। इसके ‘रुचि गोल्ड’ ब्रांड की बाजार में Leading Position है।