मेरठ. कई अध्ययनों में ये बात सामने आ चुकी है कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर अक्सर ओवरटेक, ओवर स्पीड और चालक को झपकी लगने आने से दुर्घटनाएं होती हैं। बुधवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर हुए दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर 80 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तक वाहनों के चलने के लिए जगह-जगह संकेतक बोर्ड लगे हुए हैं। एक्‍सप्रेस वे सेफ ड्राइविंग करके ही खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दो पहिया वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं, इसके बावजूद इस मार्ग पर दो पहिया वाहन धड़ल्‍ले से गुजर रहे हैं। ऐसे जिम्‍मेदारों को भी इस ओर ध्‍यान देना चाहिए।

हालांकि कटते हैं चालान भी
परतापुर इंटरचेंज से डासना तक 48 सीसीटीवी कैमरे और दो स्थानों पर स्पीडोमीटर लगे हुए हैं। जिनसे ओवर स्पीड पर नजर रखी जाती है। ओवर स्पीड पर चालान भी कटते हैं। यह सब इसलिए है ताकि दुर्घटनाएं रोकी जा सके। इसलिए एक्सप्रेस-वे पर चलते वक्त वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन और ओवर स्पीड पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है।

स्‍कूटी को बचाने के चक्‍कर में हादसा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर चलने के लिए वाहन स्वामी प्रति किमी के 2.58 रुपये अदा कर रहा है। उसके बाद भी एक्सप्रेस-वे का सफर सुरक्षित नहीं रह गया है। तेज रफतार, दोपहिया वाहन और सड़क पर पैचवर्क ने सफर को डरावना बना दिया है। बुधवार को हुआ हादसा दिल दहला देने वाला है, स्कूटी बचाने के चक्कर में वैन पलट कर आग का गोला बन गई, जिसमें दो व्यक्ति जिंदा जल गए। वैन के चालक समेत चार लोग झुलस गए है, जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। उससे पहले भी हादसों में एक साथ पांच-पांच लोगों की जान जा चुकी है, तब भी जिम्मेदार कोई सबक नहीं ले रहे है। लगातार प्रतिबंधित वाहन एक्सप्रेस-वे पर दौड़ रहे है। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।

एक्सप्रेस-वे पर इन बातों का विशेष ख्‍याल रखें

– आपकी गाड़ी की गति निर्धारित स्‍पीड में ही चले

– ओवर स्‍पीड बन रहे हैं हादसे का कारण

– एक्‍सप्रसे वे पर गुजर रहे दो पहिया वाहनों पर पैनी निगाह रखें

– गाड़ी को ओवरटेक करते समय भी बरतें सावधानी

– किसी भी सूरत में अचानक ब्रेक लगाने से बचें

– नशे में कतई वाहन न चलाएं

– सबसे आगे की होड़ की प्रवृत्‍ति से भी बचना होगा