नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर RSS के नागपुर मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए जनसंख्या नियत्रंण पर बड़ा बयान दिया था. आरएसएस चीफ ने कहा था कि सरकार को एक ऐसी जनसंख्या नीति बनानी चाहिए जो सभी पर बराबर से लागू हो. इसके साथ उन्होंने कहा कि जनसंख्या में एक संतुलन होना चाहिए. इसके असंतुलन से पूर्वी तिमोर और दक्षिण सुडान नाम के नए देश बन गए. मोहन भागवत के इसी बयान पर पलटवार करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बड़ी बात कही है.
ओवैसी ने एक सार्वजिक मंच पर आरएसएस चीफ के जनसंख्या वाले बयान की निंदा करते हुए कहा कि आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मुस्लिम आबादी नहीं बढ़ रही है, बल्कि मुसलमानों की आबादी गिर रही है. ओवैसी ने आगे कहा कि सबसे ज्यादा TFR मुसलमानों का गिरा है. इसके साथ दो बच्चों के जन्म के बीच समयांतराल सबसे ज्यादा मुस्लिम का होता है. सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल भी मुसलमान ही कर रहे हैं. AIMIM प्रमुख ने कहा कि मोहन भागवत इस पर बात नहीं करेंगे.
मोहन भागवत ने कहा था कि बढ़ती हुई जनसंख्या में असंतुलन भौगोलिक सीमाओं में बदलाव का बड़ा कारण बनती है. अब जरूरत है कि एक ऐसी जनसंख्या नीति आए जो सभी पर समान रूप से लागू हो और किसी को भी इसके दायरे से बाहर रहने की छूट नहीं मिलनी चाहिए. भागवत ने आगे कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ धार्मिक आधार पर जनसंख्या संतुलन को अहमियत देना चाहिए जिसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए. चीन की वन फैमिली-वन चाइल्ड नीति का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा, ‘जहां हम जनसंख्या पर नियंत्रण की कोशिश कर रहे हैं, वहीं हमें देखना चाहिए कि चीन में क्या हो रहा है. उस देश ने वन फैमिली-वन चाइल्ड नीति को अपनाया और अब वह बूढ़ा हो रहा है.’