इस्लामाबाद : 13 फ़रवरी का दिन पाकिस्तान में काफ़ी सरगर्म था क्योंकि कई दिनों की अनिश्चितता के बाद आख़िरकार उस सवाल का जवाब मिला, जो हरेक के ज़ेहन में था कि अगले पाँच साल तक मुल्क का नेतृत्व कौन करेगा?
इस्लामाबाद में वरिष्ठ राजनेता चौधरी शुजात हुसैन के घर पर देर रात तक चली मैराथन बैठक के बाद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी, एमक्यूएम पाकिस्तान, पीएमएल-क्यू और आईपीपी समेत सभी पार्टियों ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में शहबाज़ शरीफ़ के नाम का समर्थन करने का फ़ैसला किया.
हालांकि शहबाज़ शरीफ़, जिन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए पीएमएल-एन की तरफ़ से मरियम नवाज़ शरीफ़ का नाम स्पष्ट रूप से आगे किया था, प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वसम्मति वाली उम्मीदवारी को स्वीकार करने में ‘अनिच्छा’ दिखाई.
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वो चाहते हैं कि उनकी जगह उनके बड़े भाई नवाज़ शरीफ़ अगले प्रधानमंत्री बनें और यह भी कहा कि वो अपने भाई से इस पद को स्वीकार करने के लिए ज़ोर देंगे.
हालांकि पत्रकार वार्ता ख़त्म होने के कुछ मिनट बाद ही पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगज़ेब की ओर से एक ट्वीट आया.