पानीपत: ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा मंगलवार को पानीपत पहुंचे। इसके बाद समालखा के हल्दाना बॉर्डर से उनके गांव खंडरा के लिए काफिला रवाना हुआ। जिला प्रशासन ने फूल माला पहनाकर नीरज चोपड़ा का स्वागत किया। वहीं खंडरा में बीच कार्यक्रम से नीरज चोपड़ा को मंच के पीछे से ले जाया गया। बताया जा रहा है कि तबीयत खराब होने पर परिजन नीरज को अस्पताल लेकर गए हैं। किस अस्पताल ले गए, हालांकि इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। गौरतलब है कि नीरज को 3 दिन से बुखार आ रहा था, हालांकि उनकी कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आई थी। वहीं कार्यक्रम स्थल पर बहुत ज्यादा भीड़ होने के कारण कार्यक्रम को जल्दी खत्म कर दिया गया। 

टोक्यो ओलंपिक में सोना जीतने के पूरे 10 दिन बाद नीरज अपने घर खंडरा आए हैं। सुबह नीरज चोपड़ा समालखा पुल के नीचे पहुंचे। गांव खंडरा पहुंचने पर नीरज की गली के बाहर उनका भव्य स्वागत किया गया। इससे पहले स्वागत के लिए सुबह ही खंडरा वासी समालखा पुल के पास पहुंच गए थे। निज्जू के स्वागत के लिए पूरा गांव पलकें बिछाए बैठा था। वहीं नीरज के गांव खंडरा से 5 किलोमीटर पहले गांव खुखराना के लोग चांदी का भाला लेकर नीरज को भेंट करने पहुंचे।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गांव खंडरा में नीरज के लिए 100 मीटर का स्वागत स्टेज बनाया गया है। स्टेज से 20 मीटर दूरी तक नीरज के सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहे। उसके बाद वीआईपी मेहमानों के बैठने का इंतजाम किया गया था।  

गांव खंडरा में नीरज चोपड़ा के घर की 200 मीटर की गली में स्टेज बनाया गया है, जिसमें चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में सुरक्षा कर्मी मौजूद रहेंगे ताकि नीरज से मिलने के लिए लोगों की भीड़ बेकाबू न हो। स्वागत द्वार पर ही पुलिस कर्मी मौजूद रहे। लगभग तीन घेरे में पुलिस कर्मी रहे, जिसके बाद चौथे घेरे में नीरज के बाउंसर और सुरक्षा गार्ड मौजूद रहे। 

नीरज के पिता सतीश चोपड़ा ने बताया कि उनकी गली के हर घर के दो से तीन कमरों में मिठाइयां भरी हैं। नीरज के आने की खुशी में इतनी मिठाई बनाई गई है कि सभी के घरों में रखने के बाद भी जगह कम पड़ रही है। हमें खुद ही नहीं पता है कि कितने हजार किलो मिठाइयां बना दी गई हैं।