नई दिल्ली. इस साल अप्रैल से ट्विटर और एलन मस्क के बीच चल रही रस्साकसी का नतीजा आखिरकार सामने है. ट्विटर अब एलन मस्क की कंपनी है. टेस्ला और स्पेसएक्स के बॉस अब ट्विटर को अपनी मर्जी से चला सकते हैं. ड्राइविंग सीट संभालते ही एलन मस्क ने सीईओ पराग अग्रवाल समेत कुछ टॉप के अधिकारियों की छुट्टी कर दी है.

सीईओ पराग अग्रवाल को ट्विटर को को-फाउंडर जैक डोर्सी ने पिछले साल नवम्बर में अपाइन्ट किया है. उसके बाद जैक डोर्सी ने कंपनी छोड़ दी थी. एलन मस्क द्वारा निकाले गए मैनेजमेंट के लोगों में सीईओ पराग अग्रवाल के अलावा लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट के हेड विजय गाड्डे समेत 2 और लोगों को हटा दिया है. बता दें कि न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस अधिग्रहण के पूरा होने की पुष्टि की है.

इस साल अप्रैल में जब एलन मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदे जाने की बात पहली बार सामने आई थी, तब से ही कहा जा रहा था कि मस्क सबसे पहले पराग अग्रवाल की छुट्टी करेंगे. इस बारे में कई रिपोर्ट्स भी लिखी गई हैं. अब जबकि एलन मस्क ट्विटर के बॉस बन चुके हैं और सीईओ पराग अग्रवाल को पद से हटा चुके हैं तो एक रिसर्च फर्म इकुअलर ने कैलकुलेशन करके यह बताने की कोशिश की है कि अग्रवाल को कितना पैसा मिलेगा.

फर्म ने कहा है कि यदि पराग अग्रवाल को सोशल मीडिया कंपनी के नियंत्रण में बदलाव के 12 महीनों के अंदर टर्मीनेट किया जाता है तो उन्हें लगभग 42 मिलियन डॉलर अथवा 3,457,145,328 (साढ़े 3 अरब) रुपये मिलेंगे. समाचार एसेंजी रायटर्स के मुताबिक, इस रिसर्च फर्म ने पराग अग्रवाल के बेस सैलरी के आधार पर एक साल की कमाई और सभी इक्विटी अवार्ड्स को जोड़कर इस रकम का अनुमान लगाया है. यह अनुमान एलन मस्क द्वारा ट्विटर के प्रति शेयर के लिए ऑफर की गई कीमत 54.20 डॉलर के हिसाब से है.

एलन मस्क ने इसी साल 14 अप्रैल को एक सिक्योरिटी फाइलिंग में कहा था कि उन्हें ट्विटर के मैनेजमेंट पर कोई भरोसा नहीं है. पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ बनने से पहले कंपनी में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) थे. बाद में उन्हें सीईओ बनाया गया था. वर्ष 2021 में उन्हें कुळ 30.4 मिलियन डॉलर मिले थे, जिसमें बड़ा हिस्सा स्टॉक्स का था. आईआईटी बॉम्बे और स्टैंन्फोर्ड के एलुम्नाई पराग अग्रवाल ने लगभग एक दशक पहले ट्विटर को तब जॉइन किया था, जब कंपनी में 1 हजार से भी कम कर्मचारी थे.