मेरठ। सोतीगंज से वाहनों के उपकरण अभी भी आर्डर पर मुहैया कराए जा रहे है। हापुड़ और सहारनपुर से उपकरण मंगाकर बेचे जा रहे है। पुलिस की जांच में सामने आया कि चोरी के वाहन जोन के हापुड़, मुजफफरनगर और सहारनपुर में कटान किए जा रहे है। सोतीगंज के कुछ कबाड़ियों ने वहां सांझेदारी में काम शुरू करा दिया है। कैंट सीओ ने इसकी रिपोर्ट तैयार की है, जिसे एडीजी के समक्ष पेश किया जाएगा। ताकि तीनों जनपदों में चोरी के वाहनों का कटान रूक सकें।
दोबारा किया था वाहन कटान का प्रयास
12 दिसंबर 2021 को सोतीगंज बाजार में वाहनों के कमेले पर ताला डाल दिया था। 800 दुकानों और 80 गोदामों को बंद कर दिया था। एसएसपी के बदलने के बाद कबाड़ियों ने दोबारा से वाहन कटान का प्रयास किया था। लेकिन कप्तान रोहित सजवाण ने कटान पर पूरी तरह से नजर रखी हुई है। सीओ कैंट रूपाली राय को कटान करने वाले कबाड़ियों पर नजर रखने के आदेश दिए है। साथ ही गैंगस्टर एक्ट में आरोपित बनाए गए कबाड़ियों की धरपकड़ के आदेश दिए गए है।
सीओ की तरफ से सोतीगंज पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें बताया गया कि सोतीगंज में वाहनों के उपकरण अभी भी चोरी छिपे बिक रहे है। कुछ कबाड़ियों ने वाटसएप पर वाहनों के पुराने उपकरण बेचने शुरू कर दिए है। शहर के काफी मिस्त्री को इस ग्रुप से जोड़ा हुआ है। मिस्त्री को जो भी पुराने उपकरण की जरूरत पड़ती है, उस ग्रुप पर डाल देते है। उसके बाद सुबह को आर्डर मिला तो शाम तक उपकरण पहुंचा दिया जाता है, यदि शाम को आर्डर मिला तो सुबह तक उपकरण पहुंचा दिया जाता है।
तीनों शहरों में हो रहा चोरी के वाहनों का कटान
दिल्ली या हरियाणा से वाहन चोरी कर सोतीगंज में पहुंचाने वाले चोर हापुड़ और सहारनपुर को वाहन मुहैया करा रहे है। सीओ की तरफ से रिपोर्ट तैयार कर एडीजी को सौंपी जा रही है। सख्ती होने के बाद सोतीगंज के कबाड़ियों ने दूसरे जनपद में हो रहे वाहन कटान में अपना हिस्सा डाल दिया है। यानि हिस्सेदारी में दूसरे जनपदों में कटान करा रहे है। उनके उपकरण सोतीगंज में आर्डर पर बेचे जा रहे है।
ये है उपकरण मंगाने का तरीका
हापुड़, मुजफफरनगर और सहारनपुर में वाहनों का कटान हो रहा है। तीनों शहरों से वहां के कबाड़ी उपकरण को गत्ते की पेकिंग करने के बाद रोडवेज बस में रख देते है। मेरठ में आने पर कबाड़ी उस उपकरण को उतारकर दिए गए पते पर पहुंचा देते है। ग्राहक से उपकरण पर खर्च हुआ किराया दो सौ रुपये अलग से वसूला जाता है। मजे की बात है कि दो हजार से कम वाहन सामान का आर्डर नहीं लिया जाता है। सीओ रुपाली राय का कहना है कि आर्डर देने वालों पर नजर रखकर उनकी धरपकड़ की जा रही है। वहां से पुराने उपकरण खरीदने वालों पर भी कार्रवाई होगी।