गाजियाबाद. अगर आप पासपोर्ट बनवाने जा रहे हैं और आवेदन करते समय वैवाहिक जीवन की जानकारी में सही सही नहीं देते हैं तो आपका पासपोर्ट पेंडिंग में डाल दिया जाएगा. इसके बाद आपको पासपोर्ट कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. इस वजह से पासपोर्ट कार्यालय ने लोगों से अपील की है कि आवेदन करते समय सही सही जानकारी दें, जिससे आपको बाद में परेशानी न हो.
गाजियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों के पासपोर्ट बनते हैं. इस पासपोर्ट कार्यालय में प्रत्येक माह 300 के करीब पासपोर्ट के आवेदन इस वजह से पेंडिंग में जा रहे हैं क्योंकि आवेदन करते समय आवेदक जानकारी सही नहीं देता है.
पासपोर्ट कार्यलय के अनुसार तलाक के बाद व विवाद के कारण अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी आवेदन सिंगल श्रेणी में कर रहे हैं. गलत जानकारी देने के कारण उन्हें खुद ही परेशानी झेलनी पड़ती है.पासपोर्ट के लिए आवेदन करते वक्त सिंगल, विवाहित, तलाकशुदा व विभाजन यानी शादी के बाद अलग-अलग रह रहे, ये चार विकल्प आते हैं.
प्रत्येक आवेदक को अपनी श्रेणी का विकल्प चुनकर आवेदन करना होता है लेकिन तलाक होने व शादी के बाद अलग-अलग रहने वाले लोग सिंगल की श्रेणी में आवेदन कर रहे हैं. जब पुलिस जांच करते पहुंचती है और आसपास के लोगों से पूछती है तो मामला पकड़ में आ जाता है. इस तरह उनकी फाइल पेंडिंग फाइलों की सूची में डाल दी जाती है. इसके बाद उन्हें पासपोर्ट बनवाने के लिए चक्कर लगाना पड़ता है.
विदेश मंत्रालय के निर्देशानुसार पासपोर्ट बनवाने के लिए प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गयी है. अगर लोग सही सही जानकारी देकर जरूरत के अनुसार सभी कागजात उपलब्ध करा दें तो आवेदकों को पासपोर्ट बनवाने में परेशानी नहीं होगी.
गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के तहत आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली जिले आते हैं, जहां के पासपोर्ट बनते हैं.