मेरठ. श्रीकांत त्यागी की रिहाई को लेकर छह दिन से चल रहा त्यागी समाज का धरना-प्रदर्शन बुधवार को उग्र हो गया। कई जिलों से त्यागी समाज के लोग कमिश्नरी पहुंच गए। पार्क से नारेबाजी करते हुए लोग ट्रैक्टर लेकर कमिश्नरी के भीतर घुस गए और धरना दे दिया। शहर का तमाम पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया। शाम को अनु त्यागी भी धरने पर पहुंची। अधिकारियों के समझाने के बाद भी कमिश्नरी के भीतर धरना चल रहा है।

वहीं पुलिस ने मांगेराम त्यागी को बात करने के बहाने से कमिश्नरी से बाहर कर दिया। गेट पर ताला लगा दिया गया है। मांगेराम त्यागी गेट के बाहर ही सड़क पर धरना देकर बैठ गए हैं। वहीं कमिश्नरी के भीतर अभी भी 25-30 लोग मौजूद हैं।

श्रीकांत त्यागी पर लगे मुकदमों की वापसी को लेकर त्यागी समाज का धरना पांच दिन से कमिश्नरी पर चौधरी चरण सिंह पार्क में चल रहा है। वहीं बुधवार को धरने के छठे दिन कई जिलों से पहुंचे युवा ट्रैक्टर लेकर नारेबाजी करते हुए कमिश्नरी में भीतर घुस गए। कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। सूचना पर एसपी सिटी पियूष सिंह, एडीएम सिटी दिवाकर सिंह, एसडीएम सदर सूरज पटेल, सीओ सिविल लाइन देवेश कुमार, सीओ कोतवाली अखिलेश चौरसिया समेत कई थानों की पुलिस और आरएएफ के जवान पहुंच गए।

पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि आप धरना देना चाहते हैं तो कमिश्नरी पार्क में दीजिए, यहां धरना नहीं होगा। इसको लेकर लोगों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। गाजियाबाद, हापुड़, मुजफ्फरनगर आदि जिलों से पहुंचे त्यागी समाज के लोगों ने साफ कह दिया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, वे यहां से नहीं उठेंगे। शाम को श्रीकांत त्यागी की पत्नी भी धरने में शामिल हुई। घंटों तक समझाने के बाद भी लोग वहां से नहीं उठे। किसान नेता मांगेराम त्यागी और कुलदीप त्यागी ने कहा कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक धरना समाप्त नहीं होगा।

मांगेराम त्यागी को नोटिस दिए जाने पर लोगों में नाराजगी
कमिश्नरी में धरना दिए जाने के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने मांगेराम त्यागी को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस से त्यागी समाज के लोगों में नाराजगी है। नोटिस में कहा गया है कि मेरठ में धारा 144 लागू होने के बावजूद आपके द्वारा 25 अगस्त से चौधरी चरण सिंह पार्क में धरना दिया जा रहा है। जबकि आपको पता है कि श्रीकांत त्यागी प्रकरण का जनपद मेरठ से कोई संबंध नहीं है। कई बार आपसे पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने वार्ता की लेकिन आपकी तरफ से कोई सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया गया। धरनास्थल पर भीड़ एकत्रित कर आयुक्त कार्यालय-कलेक्ट्रेट के भीतर प्रवेश कर धरना-प्रदर्शन करने एवं सड़क जाम करने की धमकी दी जा रही है। आपके द्वारा महापंचायत करने के नाम पर लोगों की भीड़ एकत्रित कर, भीड़ को भ्रमित किया जा रहा है।

श्रीकांत त्यागी प्रकरण का संबंध गौतमबुद्धनगर के बजाय मेरठ जनपद से बनाकर उपद्रव कराकर जनपद मेरठ की कानून व्यवस्था प्रभावित करना है। ऐसे में धरने को तत्काल समाप्त करें। अन्यथा कोई भी उपद्रव होने अथवा कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर उसका पूरा उत्तरदायित्व आपका होगा। कानूनी कार्रवाई की जाएगी।