नई दिल्ली. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बदलते दौर के साथ बढ़ता जा रहा है. लोगों को क्रेडिट कार्ड के जरिए पेमेंट करने में काफी सहूलियत मिलती है. वहीं लोगों को क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के कारण काफी रिवॉर्ड भी मिलते हैं. इन रिवॉर्ड की मदद से भी लोगों को काफी राहत मिलती है. इन रिवॉर्ड में कैशबैक, छूट आदि शामिल हो सकते हैं. वहीं कई लोग यूपीआई के जरिए भी पेमेंट करना काफी पसंद करते हैं. हालांकि अब क्रेडिट कार्ड और यूपीआई दोनों से ही यूजर्स को फायदा मिलने वाला है.

दरअसल, क्रेडिट कार्ड धारक जल्द ही यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं के लिए भुगतान करने में सक्षम होंगे. वर्तमान में UPI उपयोगकर्ताओं को केवल अपने बैंक खातों के माध्यम से भुगतान करने की अनुमति थी. क्रेडिट कार्ड के माध्यम से यूपीआई भुगतान केवल Razorpay Payments Gateway का उपयोग करने वाले व्यापारियों को किया जा सकता है. इससे उसका प्लेटफॉर्म यूपीआई पर क्रेडिट कार्ड लेनदेन को सक्षम करेगा.

Razorpay ने कहा कि यह एनसीपीआई सुविधा को अपनाने वाला पहला भुगतान गेटवे है जो उपयोगकर्ताओं को अपने रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई के साथ जोड़ने की अनुमति देता है. Razorpay का कहना है कि यह पेशकश भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम और भारतीय रिजर्व बैंक के डिजिटल स्पेस में नवीनतम इनोवेशन के अनुरूप है.

Razorpay ने बताया कि अब RuPay क्रेडिट कार्ड UPI पर सक्षम होने के साथ, Razorpay व्यापारी अपने मौजूदा सेटअप में न्यूनतम बदलाव के साथ UPI पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकार करना शुरू कर सकते हैं. यह एक्सिस बैंक के साथ साझेदारी में संभव हुआ है. वहीं एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक और इंडियन बैंक के ग्राहक इसका लाभ उठाने वाले पहले व्यक्ति होंगे.

क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने से यह सुनिश्चित होगा कि ग्राहकों को अब भुगतान के लिए हर समय अपने क्रेडिट कार्ड साथ नहीं रखना होगा. यह चोरी या क्रेडिट कार्ड के खो जाने के जोखिम को खत्म करके और स्वाइपिंग मशीनों पर संवेदनशील ग्राहक जानकारी को स्किमिंग या कॉपी करने की संभावना को खत्म करके ग्राहकों के लिए सुरक्षा बढ़ाता है.

RBI आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में क्रेडिट कार्ड उद्योग में 30% का इजाफा हुआ है. हालांकि केवल 6 फीसदी भारतीय ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं यूपीआई ने अकेले अक्टूबर 2022 में 731 करोड़ से अधिक लेनदेन दर्ज किए हैं, जिसका उपयोग 40% से अधिक भारतीयों के जरिए किया जा रहा है.