इंदौर। कोविड महामारी के समय लाकडाउन, आनलाइन क्लास और वर्क फ्राम होम का स्लीप साइकल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जिसके परिणाम स्‍वरूप वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि बहुत से लोग अनिद्रा या हाइपरसोमनिया से जूझ रहे हैं। यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि युवाओं और बच्चों को भी हो रही है।

अगर दिनचर्या और खान-पान में सुधार किया जाए तो इस समस्या से निजात पायी जा सकती है। अगर यह समस्या हुई भी है तो कुछ बातों का ध्यान रखकर इसे दूर किया जा सकता है।

डॉ. अभय पालीवाल (मनोरोग विशेषज्ञ ) के मुताबिक शाम के वक्त दिमाग में मेलेनिन नाम का केमिकल बनता है, जो नींद का कारक है। बिगड़ती दिनचर्या के कारण इस रसायन के उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। मस्तिष्क के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए पर्याप्त नींद हम सबके लिए जरूरी है। वर्तमान में लगभग 50 प्रतिशत लोग अनिद्रा की समस्या से पीड़ित हैं।

जो लोग पहले से ही अवसाद, तनाव, भय से पीड़ित हैं, अनिद्रा के कारण उनकी समस्या और भी बढ़ सकती है।
पढ़ाई के तनाव और ब्लू स्क्रीन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे इस समस्या के शिकार हो रहे हैं।
नौकरी या बिजनेस के तनाव के कारण युवा और वृद्ध लोग स्वाभाविक रूप से इस समस्या के शिकार हो रहे हैं।
अच्छी नींद के लिए टिप्‍स

इसके अलावा एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग स्लीप हाइजीन के बारे में नहीं समझ रहे हैं।
नशीली दवाओं का सेवन भी अनिद्रा का एक कारण है, इनसे दूर रहें।
अच्छी नींद के लिए शाम 6 बजे के बाद भारी व्यायाम नहीं करना चाहिए।
जिस कमरे में आप सोते हैं वहां टीवी देखने, वीडियो गेम खेलने, शोरगुल करने आदि से बचें।
रात 8 बजे के बाद टीवी, मोबाइल न देखें और रात 10 बजे तक सोएं।
अक्सर लोग नींद न आने पर भी सो जाते हैं और लेट कर सोने का इंतजार करते हैं। अगर आपको नींद नहीं आ रही है तो किताब पढ़ें या हल्का संगीत सुनें।
जब नींद आने लगे तभी सोएं। आप रात में कभी भी सो सकते हैं लेकिन सुबह जल्दी और नियत समय पर जागें। इस तरह आपको रात को भी समय पर नींद आएगी।
सोने के लिए जगह तय करें। रात के समय हल्का और सुपाच्य भोजन ही करें।