प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को महाराष्ट्र में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए जाएंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शरद पवार होंगे, जो पीएम को सम्मानित करेंगे। हालांकि, पीएम मोदी और शरद पवार के मंच पर एक साथ आने के कार्यक्रम ने राज्य के विरोधी गुट एमवीए में चिंता पैदा कर दी है।
उधर ‘इंडिया’ गठबंधन की तीसरी बैठक भी महाराष्ट्र में होने वाली है। ऐसे में आगामी मुलाकात से तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। आखिर पीएम मोदी का महाराष्ट्र कार्यक्रम क्या है? कार्यक्रम में शरद पवार के आने पर क्या सियासत हो रही है? इस पर एमवीए का क्या कहना है? मुलाकात के मायने क्या निकाले जा रहे हैं? पिछली बार पीएम मोदी और शरद पवार कब मिले थे? आइये जानते हैं…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पुणे पहुंचेंगे। इस दौरान वह मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री ने 2016 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। पुणे दौरे के समय प्रधानमंत्री पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (PCMC) के तहत अपशिष्ट के उपयोग वाले ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन भी करेंगे। PCMC द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित 1,280 से अधिक मकान भी वह लाभार्थियों को सौंपेंगे।
प्रधानमंत्री को इस यात्रा के दौरान लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को केवल उल्लेखनीय और असाधारण के रूप में देखा जा सकता है। यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है।
पुरस्कार से जुड़ी खास बात यह है कि इसे एनसीपी (शरद पवार गुट) सुप्रीमो शरद पवार द्वारा पीएम मोदी को नवाजा जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शरद पवार होंगे। आयोजकों ने यह भी बताया कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार को भी इसके लिए आमंत्रित किया गया है। उनके अतिरिक्त अन्य आमंत्रित लोगों में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे शामिल हैं। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे इसके एक ट्रस्टी हैं।
शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ रहेंगे। लिहाजा प्रदेश की सियासत में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ नेताओं ने दोनों नेताओं के एक साथ आने पर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई है। कहा गया कि पुणे के वरिष्ठ नेता अनुरोध करेंगे कि वे इस कार्यक्रम में न जाएं और मोदी के साथ एक मंच पर न बैठें। इस बीच, पुणे में यूथ कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के विरोध में शहर में पोस्टर लगाए हैं। इनमें पीएम को घेरा गया है।
‘इंडिया’ के नेताओं का मानना है कि शरद पवार को मंगलवार के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए। हालांकि, इस कार्यक्रम को शरद पवार के निजी दौरे में शामिल किया गया है। इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां पीएम मोदी का विरोध करेंगी।
उधर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने सोमवार को पुष्टि की कि शरद पवार पुरस्कार समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पवार साहब इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।’
पुणे पुरस्कार समारोह इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक से कुछ सप्ताह पहले हो रहा है, जिसकी मेजबानी शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे करेंगे। पार्टी के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि शरद पवार को कार्यक्रम में शामिल होने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तिलक ने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का नारा दिया था। लेकिन क्या आज स्वराज है? आज की स्थिति में, उन्हें (पवार को) सोचना चाहिए… ।’
वहीं इस पुरस्कार समारोह ने कांग्रेस पार्टी के भीतर भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम शरद पवार के बारे में पूरी तरह से चिंतित हैं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि उसके मन में क्या चल रहा है। अचानक, उन्होंने लड़ना बंद कर दिया है या उन पर कोई दबाव है, हमें नहीं पता?’
महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ नसीम खान ने कहा कि इससे विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एमवीए साझेदार आगामी भारत गठबंधन बैठक में भाग लेंगे। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उन्होंने किसी मौजूदा प्रधानमंत्री को किसी निजी ट्रस्ट से पुरस्कार स्वीकार करते नहीं देखा है। चव्हाण ने कहा, ‘पीएम के इस पुरस्कार को स्वीकार करने के पीछे क्या मकसद है? क्या वह प्रचार के लिए बेताब हैं? क्या वह लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र में हार को लेकर इतने डरे हुए है?’
एनसीपी में बगावत के बाद ये कार्यक्रम काफी अहम माना जा रहा है। महाराष्ट्र की राजनीति में हुए ताजा बदलावों के बाद इस कार्यक्रम पर सभी की नजर होगी। दो जुलाई को अजित के एनडीए में शामिल होने और राज्य के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद शरद पवार ने पीएम मोदी पर भी हमला बोला था। पवार ने पीएम मोदी को एनसीपी नेताओं के ‘भ्रष्टाचार’ के बारे में उनके बयानों को याद दिलाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
पिछली बार दोनों नेता अप्रैल 2022 में मिले थे। तब शरद पवार ने संसद स्थित पीएम कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 20 मिनट तक मुलाकात की थी। यह मुलाकात ईडी द्वारा मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की पत्नी और उनके एक सहयोगी की संपत्ति जब्त करने के बाद हुई थी। बैठक के बाद शरद पवार ने मीडिया से कहा था, ‘मैंने राज्यसभा सदस्य संजय राउत से जुड़े मामले पर प्रधानमंत्री से बात की। मैंने उनसे कहा कि जिस तरह से राउत की संपत्ति कुर्क की गई है वह अन्याय है। मैंने पीएम को बताया कि संजय राउत सिर्फ राज्यसभा सदस्य नहीं हैं, बल्कि एक पत्रकार भी हैं।’