नई दिल्ली. अगर आप भी केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. ‘स्वास्थ्य सुरक्षा’ के तहत केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना में दो बड़े बदलाव हुए हैं. ये दोनों ही बदलाव केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होंगे. सरकार की तरफ से सीजीएचएस के नए रेट जारी किए गए हैं. CGHS के पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज के ल‍िए सरकार ज्यादा पैसों का भुगतान करेगी. इस फैसले के बाद केंद्र सरकार के खजाने पर 240 करोड़ से लेकर 300 करोड़ रुपये तक का बोझ बढ़ जाएगा.

सीजीएचएस के रेट में बदलाव 2014 के बाद अब क‍िया गया है. सरकार ने ओपीडी/आईपीडी के लिए कंसलटेशन फी को 150 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया है. इसी तरह आईसीयू चार्ज में भी बदलाव क‍िया गया है और इसे बढ़ाकर 5,400 रुपये कर द‍िया गया है. इसमें 4500 रुपये प्राइवेट वार्ड और 862 रुपये एनएबीएच के ल‍िए हैं. इसी तरह कमरे के क‍िराये में डेढ़ गुने का इजाफा करके 1500 रुपये, 3000 रुपये और 4500 रुपये कर दिया गया है.

सेमी-प्राइवेट वार्ड के लिए ल‍िये जाने वाले चार्ज को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया गया है. प्राइवेट वार्ड के लिए इसे 3,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दिया गया है. सरकार ने वीडियो कॉल के यूज की अनुमति देकर रेफरल प्रक्रिया को आसान बना दिया है. इससे पहले, अस्पताल के लिए रेफरल हास‍िल करने के ल‍िए लाभार्थी को स्वयं सीजीएचएस वेलनेस सेंटर जाना पड़ता था.

यदि लाभार्थी सीजीएचएस वेलनेस सेंटर जाने में असमर्थ है तो वह उस स्थान पर किसी को रेफरल प्राप्त करने के लिए भेज सकता है. रेफरल के जर‍िये लाभार्थी को अस्पताल ले जाने की अनुमति देने से पहले चिकित्सा अधिकारी दस्तावेज को देखेगा. इसके अलावा, सरकार ने रेफरल के लिए वीडियो कॉल विकल्प की अनुमति दी है ताकि प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया जा सके. आपको बता दें सीजीएचएस के तहत 44 लाख से ज्‍यादा कर्मचारी और पेंशनर फायदा उठा रहे हैं. आपको बता दें इससे पहले 6 मई 2014 को सीजीएसएच के नए रेट प्रभाव में आए थे.