नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच तेज होती जंग के बीच हालात खराब हो रहे हैं. जिसका असर अब भारत समेत दुनिया के बाकी देशों पर भी पड़ने लगा है.

पीएम मोदी ने की हाई लेवल मीटिंग
बदली परिस्थितियों में भारत के स्टैंड पर चर्चा करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में हाई लेवल मीटिंग की गई. इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल समेत तीनों सेनाओं के अध्यक्षों समेत आला अधिकारी और मंत्री शामिल हुए. बैठक में यूक्रेन से भारतीयों की सकुशल वापसी के तरीकों पर चर्चा की गई. साथ ही बदले हालात में भारत के स्टैंड पर डिस्कशन किया गया.

यूक्रेन में फंसे हैं 20 हजार भारतीय
बता दें कि यूक्रेन में भारत के करीब 20 हजार नागरिक फंसे हुए हैं. इनमें से 18 हजार स्टूडेंट्स हैं, जो वहां पर मेडिकल की पढ़ाई करने गए हुए हैं. भारत के लिए अपने इन नागरिकों की सुरक्षा अहम है. वह रूस और यूक्रेन सरकारों से तालमेल बनाते हुए फंसे हुए नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहा है. फिलहाल 2 बैच में करीब 600 स्टूडेंट्स यूक्रेन से निकाल लिए गए हैं.

भारत का रुख रहा है अब तक न्यूट्रल
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस घमासान में अब तक भारत का रुख न्यूट्रल बना हुआ है. पीएम मोदी ने यूक्रेन संकट बुलाई हाई लेवल मीटिंग, लिए गए ये बडे फैसलेलेकिन रूस के साथ अपने विशेष संंबंधों को देखते हुए भारत ने इस मामले में रणनीतिक खामोशी ओढ़ रखी है और साफ कर दिया है कि यह मामला जंग के बजाय आपसी बातचीत से ही हल होना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी बात की है. भारत ने तनाव कम करने के लिए बातचीत का आह्वान किया है.