नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 5वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है इसलिए आज के समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे। पीएम ने कहा कि पिछले 2 सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है। जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिप्रेक्ष्य में से हमारा क्षेत्र अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं।

यूरोप में हाल के घटनाक्रमों ने चिंता बढ़ाई
यूरोप में हाल के घटनाक्रमों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संदर्भ में क्षेत्रीय सहयोग करना एक बड़ी प्राथमिकता बन गई है। आज हम अपने समूह के लिए संस्थान की संरचना विकसित करने के लिए बिम्सटेक चार्टर अपना रहे हैं ताकि आने वाले समय में हमारी स्थिति मजबूत रहे।

बिम्सटेक के बजट को बढ़ाने के लिए भारत 7.6 करोड़ रुपये देगा
पीएम ने कहा कि बिम्सटेक के बजट को बढ़ाने के लिए भारत 7.6 करोड़ रुपये देगा। बजट बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य बिम्सटेक सचिवालय की क्षमता को मजबूत करना है। मेरा सुझाव है कि महासचिव इसके लिए एक रोडमैप तैयार करें।

बिम्सटेक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि हम नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित बिम्सटेक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के दायरे का विस्तार और विस्तार करने पर काम कर रहे हैं। हम आपराधिक मामलों के लिए आपसी कानूनी सहायता पर एक संधि पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं।

शिखर सम्मेलन की मेजबानी वर्तमान बिम्सटेक अध्यक्ष श्रीलंका द्वारा की जा रही है।इस शिखर सम्मेलन का विषय
बिम्सटेक-एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था और स्वस्थ लोग हैं। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी सुरक्षा सहयोग जैसे मुद्दे पर चर्चा करेंगे। इसका वर्तमान उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करने और हिंसक उग्रवाद को रोकने के लिए मजबूत कानूनी मानदंड स्थापित करने पर है। साथ ही कानूनी ढांचे और आपसी साझेदारी को बढ़ावा देने वाले तंत्र की स्थापना करना है जो कि प्रवर्तन एजेंसियों के बीच करीबी सहयोग की सुविधा मुहैया करा सके।

बिम्सटेक में इन देशों को किया गया है शामिल
बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी के देशों पर केंद्रित एक क्षेत्रीय सहयोग मंच है। इसका विकास भारत के प्रयास पर जून 1997 में ‘बिस्ट-ईसी’ समूह बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग की स्थापना के साथ शुरू हुआ था। बाद में म्यांमार, नेपाल और भूटान के प्रवेश के बाद ‘बिम्सटेक’ समूह गठित हुआ।

बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का पुल बनाने का समय आ गया
पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का पुल बनाने का समय आ गया है। मैं सभी बिम्सटेक देशों का आह्वान करता हूं कि वे 1997 में एक साथ हासिल किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए उत्साह के साथ काम करने के लिए खुद को समर्पित करें।

बिम्सटेक चार्टर अपनाएंगे देश
आज आयोजित किए जाने वाले कोलंबो शिखर सम्मेलन में सदस्य देश बिम्सटेक चार्टर को अपनाएंगे जिससे कि BIMSTEC को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल सके। साथ ही औपचारिक रूप से इसके उद्देश्यों और सिद्धांतों को परिभाषित किया जाएगा।

बिम्सटेक के विस्तार पर भी होगी चर्चा
बिम्सटेक स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के इस साल में उम्मीद है कि इस समूह के विस्तार पर भी चर्चा की जाएगी। बिम्सटेक के सदस्य देश इस समूह की क्षमता को और भी अधिक बढ़ाने पर बल देंगे। इस समूह में भारत ही सबसे बड़ा देश है। सभी देश इस कड़ी में भारत से अगुवाई की अपेक्षा करते हैं