शामली। दिल्ली में चल रहे पहलवानों के धरने के समर्थन में दिल्ली-गाजीपुर बोर्डर पर जाते हुए जिले के भाकियू कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हाईवे पर रोक लिया। वहीं कांधला और ककड़ीपुर चेकपोस्ट पर पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की नोकझोंक भी हुई। उधर, पुलिस को चकमा देकर भाकियू कार्यकर्ता शामली-बागपत और मेरठ से होकर गाजीपुर बोर्डर पहुंचे।
रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में जिले के भाकियू एनसीआर सचिव कपिल खाटियान, ब्रह्मपाल नाला, आशीष चौंदाहेड़ी, भाकियू शामली ब्लॉक अध्यक्ष मनोज कुमार, भैंसवाल के शोकेंद्र चौधरी, सुधीर, उपेंद्र, जसवीर सिंह, अमजद, कंवरपाल आदि कांधला होकर दिल्ली के लिए रवाना हुुए। भाकियू नेता कपिल खाटियान ने बताया कि भाकियू कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कांधला और ककड़ीपुर बॉर्डर पर रोकने का प्रयास किया। बड़ौत और बागपत में नोकझोक के बाद वे गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए। दिल्ली-देहरादून इकनाॅमिक काॅरिडोर एक्सप्रेस-वे के किसान संघर्ष समिति के सचिव विदेश मलिक ने बताया कि सिंभालका के पास भाकियू जिलाध्यक्ष कालेंद्र मलिक, बहावड़ी के थांबेदार श्याम सिंह, संजय कालखंडे, महिपाल, कविता चौधरी, योगेंद्र पंवार, सतपाल पहलवान, पप्पू मलिक, सूरज जागलान, धमेंद्र मलिक आदि भाकियू कार्यकर्ताओं को सीओ सिटी ने शामली और आदर्श मंडी थाने की पु़लिस के साथ रोके रखा। बाद में दिल्ली जाने की अनुमति दी। उन्होंने बताया कि बाबरी पुलिस देर रात में उनके घर पर पहुंची और फोन करके वापस आने का अनुरोध किया। मेरठ में परतापुर टोल प्लाजा पर भाकियू कार्यकर्ताओं को एक घंटे तक रोके रखा। बाद में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का काफिला आने के बाद सभी कार्यकर्ता दिल्ली के लिए रवाना हुए।
दिल्ली पहलवानों के धरने में भाकियू कार्यकर्ताओं के जाने को लेकर रविवार को थाना पुलिस के अलावा रेलवे पुलिस भी सतर्क रही। शहर में पुलिस गश्त करती रही। कार्यकर्ताओं के ट्रेन से जाने की संभावना के चलते जीआरपी स्टेशन पर तैनात रही और नजर बनाए रखी। मगर किसानों का कोई काफिला रवाना नहीं हुआ।